कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने नाक में दम किया हुआ है। हर दिन लाशों के अंबार लग रहे हैं। इस सब को देखते हुए कई राज्यों में वीकेंड या सप्ताह भर का लॉकडाउन भी लगया गया है। हालांकि कई जगहों पर अब भी खास प्रतिबंध नहीं है। ऐसे में कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए गुजरात के वलसाड में लोगों मे खुद ही 10 दिन का लॉकडाउन कर लिया है। यहां व्यापारियों और दुकानदारों के संगठन ने जिला कलैक्टर आर आर रावल और बीजेपी विधायक भरत पटेल के साथ बैठक में इस लॉकडाउन का फैसला किया।
जिले ने सोमवार को 71 नए कोरोना मामले सामने आए। इसके साथ ही यहां कुल मामलों की संख्या 2,101 हो गई है। वहीं संक्रमण के कारण छह लोगों की मौत भी हुई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में 416 मरीजों का इलाज चल रहा है। रविवार को वलसाड में इस 10 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद, बड़ी संख्या में लोगों ने आवश्यक सामान बेचने वाले दुकानों को बंद कर दिया। कस्बे में मॉल और मेगा-स्टोर्स के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। सब्जी मंडियों में भी सोमवार को भीड़ रही।
बता दें कि गुजरात सरकार ने एक अप्रैल से किसी भी राज्य से आने-जाने वालों के लिए आरटी पीसीआर जांच की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले हर यात्री की सघन स्क्रीनिंग की जा रही है। जांच रिपोर्ट नहीं लाने वाले से 800 रुपए का शुल्क लेकर हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और अन्य स्थानों पर उनकी जांच की जा रही है और पॉज़िटिव आने पर उन्हें संस्थागत क्वॉरंटीन में रखा जा रहा है। राज्य में पार्क और स्कूल आदि पहले से ही बंद हैं और आठों महानगरों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर, भावनगर, गांधीनगर और जूनागढ़ समेत 20 शहरों में रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कफ़र्यू है। राज्य सरकार ने कई अन्य क़दमों की भी घोषणा की है।
राज्य में हाल में हुए स्थानीय चुनावों के दौरान जुटी भीड़ और अहमदाबाद के मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हुए क्रिकेट मैचों को भी कोरोना के तेज़ी से पांव फैलाने के लिए जम्मेदार माना जा रहा है। राज्य सरकार ने गुजरात बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की अगले माह होने वाली परीक्षायें आज स्थगित कर दी हैं।
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