दिल्ली के कई अस्पतालों में अब भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत बनी हुई है। गंभीर रूप से पीड़ित कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की कमी के चलते राजधानी के किसी भी अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में लोगों के बीच खौफ और भय का माहौल है। दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में शुक्रवार रात 20 मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी अब भी बरकरार है और 200 से अधिक मरीजों की सांसों पर संकट बना हुआ है।
यहां शाम 5 बजे ऑक्सीजन सप्लाई आनी थी, लेकिन रात 12 बजे ऑक्सीजन मिली और वो भी आधी। अस्पताल में अभी आधे घंटे की ऑक्सीजन बची है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि मरने वाले सभी 20 मरीज ऑक्सीजन पर थे, ऑक्सीजन न होने से हमें फ्लों कम करना पड़ा था। मैं ये नहीं कह रहा कि ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई हैं, लेकिन एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है।
Delhi | Oxygen supply to last only half an hour now, more than 200 lives are at stake. We lost 20 people due to an oxygen shortage last night: DK Baluja, Jaipur Golden Hospital
— ANI (@ANI) April 24, 2021
ऑक्सीजन संकट का ऐसा ही हाल शनिवार को बत्रा अस्पताल में भी देखने को मिला, स्टॉक खत्म होने से मरीजों की सांस पर बन आई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन की तरफ से की गई SOS कॉल के बाद ऑक्सीजन खत्म होने से ठीक पहले ही यहां पर 500 लीटर ऑक्सीजन की आपूर्ति कर दी गई। बत्रा अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ.एस.सी.एल. गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हमें ऑक्सीजन टैंकर मुहैया कराया है। हमारे पास हमारे सभी रोगियों के लिए एक से डेढ़ घंटे की ऑक्सीजन है। हमें एक दिन में 8,000 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है। हमें 12 घंटे हाथ जोड़ने के बाद 500 लीटर ऑक्सीजन मिली है, अगला 500 लीटर कब मिलेगा पता नहीं? अस्पताल में 350 मरीज हैं और 48 मरीज ICU में हैं।
Delhi | We have received only 500-litre of oxygen after pleading for 12 hours. Our daily requirement is 8000 litres. We've 350 patients in the hospital. The treatment of choice in COVID is oxygen but when we don't get it what will happen?: Dr SCL Gupta, MD, Batra Hospital pic.twitter.com/otq15JaYbz
— ANI (@ANI) April 24, 2021
वहीं, दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कोविड प्रभारी ने शनिवार को बताया कि हम ऑक्सीजन की कमी के कारण नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर रहे हैं। हम अपने अस्पताल से भी मरीजों को छुट्टी दे रहे हैं।
गंगाराम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत
बता दें कि, गुरुवार रात दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भी गंभीर रूप से बीमार 25 कोविड मरीजों की मौत हो गई थी, जबकि कई और मरीजों की जिंदगी ऑक्सीजन की कमी के कारण संकट में पड़ गई थी। सूत्रों ने बताया कि शहर के बड़े और प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक में हुई इस घटना के पीछे संभावित वजह कम दबाव वाली ऑक्सीजन हो सकती है। अस्पताल ने शुक्रवार सुबह आठ बजे के करीब मौतों की घोषणा की थी।
Delhi | We are closing the admissions because of an oxygen shortage. We are discharging the patients: COVID in-charge, Saroj Hospital pic.twitter.com/bXNioSfary
— ANI (@ANI) April 24, 2021
गंगाराम अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डी.एस. राणा ने कहा कि यह कहना गलत है कि मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई। हमने गैर मशीनी तरीकों से मरीजों को ऑक्सीजन दी जब आईसीयू में दबाव घट गया था।
ऑक्सीजन के लिए अस्पताल नोडल अधिकारियों से संपर्क करें : हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजधानी के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारियों से संपर्क करें। केन्द्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन सुनिश्चित करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने के बारे में कोर्ट को सूचित किए जाने के बाद यह फैसला आया है।
कोर्ट कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति किए जाने में अदालत के हस्तक्षेप के आग्रह की ब्रैम हेल्थकेयर और बत्रा अस्पताल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनावाई कर रहा था। पिछले कुछ दिनों में सांस में तकलीफ वाले कोरोना मरीजों की अचानक हुई वृद्धि के बाद अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा गई और मेडिकल ऑक्सीजन का मामला विवादों में घिर गया।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुरुवार को हुई बैठक की जानकारी दी, जिसमें मोदी ने राज्यों को कोरोना से जंग में एकजुट होने, दवा तथा ऑक्सीजन की मुफ्त ढुलाई में हस्तक्षेप करने से बचने को कहा। सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि ऑक्सीजन की ढुलाई में हम अर्द्धसैनिक बलों को नहीं लगा सकते। संवैधानिक रुप से ऐसा नहीं किया जा सकता। राज्य पुलिसऔर केन्द्रीय बलों में टकराव हो सकता है। इस मामले को सुलझाने के लिए ब्यूरोक्रेसी स्तर पर प्रबंध किया गया है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऐसे टेलीफोन नंबर जारी करके का सुझाव दिया जिस पर कोविड-19 अस्पताल सरकार से सीधे संपर्क कर सकें। कोर्ट ने नोडल अधिकारियों पर भार काम करने के लिए अन्य अधिकारी भी नियुक्त किए जाने की सलाह दी।
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