logo

  • 05
    08:29 am
  • 08:29 am
logo Media 24X7 News
news-details
भारत

कोरोना से जंग में भारत के पास होंगे 5 और 'हथियार', जल्द 8 वैक्सीन से होगा प्रहार, जानें टीकों के बारे में सबकुछ

कोरोना वायरस के खिलाफ अब देश निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में आ गया है। भारत इस साल दिसंबर तक देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में करीब 2 अरब से अधिक वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध होने की उम्मीद कर रहा है। देश में भले ही अभी दो वैक्सीन से टीकारण अभियान चल रहा है, मगर सीरम की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के अलावे आने वाले कुछ समय में और भी वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी, जिस पर फिलहाल काम चल रहा है। सरकार ने 8 वैक्सीन की संभावित लिस्ट पेश की है, जिसमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी (अगले सप्ताह से उपलब्ध) भी शामिल हैं और इनसे ही देश में टीकाकरण चल रहा है।

नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी अगले सप्ताह भारत के बाजारों में उपलब्ध हो जाएगी। सरकार आने वाले समय में इन तीन वैक्सीन के अलावा जिन पांच वैक्सीन के तैयार होने की उम्मीद कर रही है, उनमें से चार वैक्सीन मेड इन इंडिया है। तो चलिए जानते हैं आने वाली सभी वैक्सीन के बारे में सबकुछ।

बायोलॉजिकल ई सबयूनिट वैक्सीन: यह एक सबयूनिट वैक्सीन है जो परीक्षण के तीसरे चरण में है। इस वैक्सीन को पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में सुरक्षित पाया गया है। सरकार इस वैक्सीन को लेकर कापी आशान्वित है। केंद्र को अगस्त से दिसंबर के बीच इस टीके की 30 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है, बशर्ते उसे इसकी अनुमति मिल जाए।

 

जायडस कैडिला डीएनए वैक्सीन: जायडस कैडिला की यह वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल में है और कंपनी जल्द ही इसके लाइसेंस के लिए भारत में अप्लाई करेगी। यह तीन खुराकों वाली वैक्सीन है और इसे इंजेक्शन फ्री तकनीक से दिया जाएगा। सरकार को दिसंबर तक जायडस कैडिला वैक्सीन की 5 करोड़ खुराक मिलने की उम्मीद है।

नोवावैक्स अथवा कोवावैक्स: कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ही इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन करेगी। इस वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने विकसित किया है। 

 

भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन: भारत बायोटेक नाक से दीन जाने वाली नेजल वैक्सीन पर काम कर रही है। यह वैक्सीन एक खुराक की होगी और सूई मुक्त होगी, जिसे भारत बायोटेक विकसित कर रहा है। फिलहाल, इस वैक्सीन की पहले और दूसरे चरण का ट्रायल हो रहा है। वीके पॉल ने कहा कि कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया है और डेटा भी कंपनी से आया है। 

जेनोवा एमआरएनए वैक्सीन: पुणे की जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स कंपनी यह मैसेंजर आरएनए वैक्सीन (mRNA वैक्सीन) को विकसित कर रही है। बता दें कि फाइजर और मॉडर्न भी mRNA वैक्सीन ही हैं।

किसकी कितनी खुराकें सरकार को मिलेंगी
वी के पॉल के मुताबिक, अगस्त से दिसम्बर तक टीके की 216 करोड़ खुराक का उत्पादन होने का अनुमान है, जिसमें से कोविशील्ड की 75 करोड़ खुराक जबकि कोवैक्सीन की 55 करोड़ खुराक शामिल होगी। इसके अलावा, बायोलॉजिकल ई द्वारा 30 करोड़ खुराक, ज़ायडस कैडिला 5 करोड़, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा नोवावैक्स की 20 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक द्वारा उसकी नेजल वैक्सीन की 10 करोड़ खुराकें जबकि जेनोवा 6 करोड़ खुराक और स्पुतनिक V 15.6 करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगी।

विदेशी टीकों पर ही सरकार की नजर
फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से टीकों की खरीद पर पॉल ने कहा कि सरकार जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के माध्यम से इन कंपनियों के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा, ''हमने औपचारिक रूप से पूछा कि क्या वे भारत में खुराक भेजना चाहेंगे, भारत में निर्माण करेंगे, हम साझेदार खोजेंगे। उन्होंने कहा कि वे तिमाही 3 में टीके की उपलब्धता के बारे में बात करेंगे। हमने मॉडर्ना, फाइजर और जे एंड जे के साथ इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है और हमें उम्मीद है कि वे आगे आएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम उन्हें आमंत्रित करते हैं। वे यहां टीके बनायें, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से हमारी कंपनियों के साथ बनायें। नयी रणनीति के तहत, वह जरिया खुला है और हम हर संभव तरीके से समर्थन करेंगे।

You can share this post!

Comments

Leave Comments