दिल्ली में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया है जो विवादों में रहने वाले पुजारी स्वामी यति नरसिंहानन्द की हत्या की साजिश रच रहा था। आरोपी की पहचान जान मोहम्मद डार के रूप में हुई है। वह कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है और दिल्ली के पहाड़गंज स्थित होटल में रुका था।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, जान मोहम्मद के पास से जो चीजें मिली हैं, उससे संकेत मिलता है कि वह हिंदू पुजारी के रूप में जाकर डासना के देवी मंदिर में पुजारी स्वामी यति नरसिंहानन्द सरस्वती की हत्या करना चाहता था। नरसिंहानन्द ने हाल ही में पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
दिल्ली पुलिस ने भगवा कुर्ता, सफेद पायजामा, कलावा, मनका, चंदन और कुमकुम बरामद की है। डार के कब्जे से .30 बोर का पिस्टल और दो मैगजीन बरामद की है, जिसमें 15 जिंदा कारतूस हैं। शुरुआती पूछताछ में जान मोहम्मद डार ने खुलासा किया कि उसे आतंकवादी संगठन ने पुजारी की हत्या करने को कहा था।
बताया जा रहा है कि बढ़ई का काम करने वाला जान मोहम्मद डार दिसंबर 2020 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आबिद के संपर्क में आया था। पीओके में रहकर आतंकी गतिविधियां चलाने वाले आबिद ने डार को आतंकी संगठन में शामिल होने को प्रेरित किया था। बताया जा रहा है कि 2 अप्रैल 2021 को आबिद ने अनंतनाग में डार से मुलाकात की और उसे स्वामी यति नरसिंहानन्द सरस्वती की हत्या का टारगेट दिया था।
डार से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि आबिद ने उसे पिस्टल देकर चलाना सिखाया था। पुजारी की हत्या के बदले उसे बड़ी रकम का वादा किया गया था। डार को 6,500 रुपए कैश दिए थे और दिल्ली के लिए निकलने से पहले उसके अकाउंट में 35 हजार रुपए जमा कराए गए थे। वह 23 अप्रैल को दिल्ली आया और यहां आबिद के संपर्क के व्यक्ति उमर के पास पहुंचा। उमर ने उसे तीन दिन तक अपने पास रखा और फिर पहाड़गंज के होटल में शिफ्ट किया। पुलिस के मुताबिक, उमर ने ही डार के लिए भगवा कपड़ों की व्यवस्था की थी। बुरहान वानी की हत्या के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान डार को 2016 में पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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