कोरोना काल में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर बीजेपी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व के बीच शीर्ष स्तर पर मंथन हुआ है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल रहे। बैठक में कोरोना महामारी के हालात के बीच सरकार और पार्टी की छवि को लेकर चर्चा हुई है। कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी को देखते हुए इस बैठक को अहम माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी और संघ ने अपने संगठन को मजबूत करने के साथ ही सरकार के स्तर पर भी छवि सुधारने के प्रयास शुरू करने पर चर्चा की है।
पार्टी और संघ के सूत्रों के मुताबिक यूपी की स्थिति पर हुई बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा होम मिनिस्टर अमित शाह, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मौजूद थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मीटिंग में शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संगठन और सरकार को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कोरोना महामारी से उत्तर प्रदेश सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक है, जहां गंगा में तैरती लाशों ने डरावना मंजर पेश किया है। हाल ही में बीजेपी ने आलोचना से सचेत होकर और महामारी की दूसरी लहर के बाद अपने कार्यकर्ताओं से सेवा करने के लिए खुद को समर्पित करने का आग्रह किया है।
दो और नेताओं ने की TMC में घर वापसी की बात, कहा- दीदी को छोड़ गलती की
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सभी राज्यों के पार्टी अध्यक्षों को पत्र लिखकर जनता की सेवा में जुटने का आह्वान किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में कोरोना की दूसरी लहर के बाद बिगड़ी सरकार की छवि को लेकर चिंता जाहिर की गई और उससे निपटने के प्रयासों पर बात हुई। ऑक्सीजन की कमी, गंगा में मिली लाशों, वैक्सीनेशन की धीमी गति जैसे कुछ मुद्दों को लेकर बीते दिनों बीजेपी की बचाव की मुद्रा में दिखी है। कानून व्यवस्था से लेकर अन्य तमाम मुद्दों पर सख्त प्रशासक की छवि रखने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सवाल उठे हैं।
मिशन 2024 के लिहाज से भी बीजेपी के लिए अहम है उत्तर प्रदेश
बीजेपी और संघ के लिए यूपी की चिंता इसलिए भी अहम है क्योंकि विधानसभा चुनाव के लिहाज से तो यह सबसे बड़ा राज्य है ही, लोकसभा के लिए भी महत्वपूर्ण है। लोकसभा के सबसे ज्यादा 80 सांसद उत्तर प्रदेश से आते हैं। ऐसे में यदि 2022 में बीजेपी सत्ता में वापसी करती है तो फिर मिशन 2024 भी उसके लिए बहुत कठिन नहीं होगा। इसी मकसद से पार्टी ने यूपी को फोकस कर अपनी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है।
Comments
Leave Comments