भारत में रोजाना सामने आने वाले कोरोना के मामलों में कमी तो आ रही है, लेकिन संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अभी भी जारी है। आज भी दो लाख के करीब नए मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि करीब 40 दिनों के बाद आंकड़ा दो लाख के नीचे गया है। हालांकि सरकार इस संकट से निपटने के लिए अभी भी प्रयास कर रही है। आज भी कोरोना रोगियों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर की शीशियों और अन्य दवाओं के साथ लेकर रूस से एक फ्लाइट भारत पहुंची है।
भारत में तैनात रूसी उप राजदूत ने कहा, ''हमारी निरंतर मानवीय सहायता दर्शाती है कि कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रहे भारतीय लोगों के साथ हमारी एकजुटता कितनी मजबूत है। हम WHO, G20 और BRICS जैसे बहुपक्षीय प्रारूपों के ढांचे में भी सहयोग कर रहे हैं।''
आपको हबता दें कि रूस में स्पूतनिक लाइट क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण से गुजर रहा है। इस वैक्सीन की एक ही खुराक देने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि और हमारा मानना है कि स्पूतनिक लाइट भारत को आपूर्ति की जाएगी। भारत में इसका उत्पादन भी होगा। उन्होंने कहा भारत कम समय में दवा उत्पादन की क्षमता के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल है।
स्पूतनिक-वी की आपूर्ति पर उन्होंने कहा कि अनुबंध दायित्वों और शेड्यूल के अनुसार चल रही है। हमें अन्य भारतीय कंपनियों और राज्य सरकारों से कुछ और अनुरोध मिल रहे हैं। सभी प्रस्तावों का बहुत सावधानी से अध्ययन किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने हाल ही में स्पूतनिक-वी के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है। भारत में फिलहाल कोवैक्सिन, कोविशिल्ड और स्पूतनिक वी के साथ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
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