इजरायल में एक दशक से ज्यादा वक्त तक प्रधानमंत्री के पद पर रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू अब सत्ता के आखिरी दिनों में हैं। विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ गठबंधन बना लिया है और सरकार गठन की तैयारी में हैं। इस बीच बेंजामिन नेतन्याहू ने विपक्ष के सरकार बनाने के फैसले को लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा चुनावी फ्रॉड करार दिया है। नेतन्याहू ने यह आरोप ऐसे वक्त में लगाया है, जब इजरायल के सिक्योरिटी चीफ ने राजनीतिक हिंसा होने की आशंका जताई है। नेतन्याहू ने यह आरोप विपक्षी दलों के चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को लेकर लगाया है। उनकी जगह पीएम बनने जा रहे नफ्ताली बेनेट ने प्रचार के दौरान कहा था कि वह लेफ्ट विंग, मध्यमार्गी पार्टियों और अरब पार्टी के साथ साझेदारी नहीं करेंगे।
अब वह इन्हीं दलों के साथ गठबंधन कर पीएम बनने की तैयारी कर रहे हैं। इसी को लेकर नेतन्याहू ने आरोप लगाया है कि यह इलेक्शन फ्रॉड है। विपक्षी गठबंधन के बीच पीएम पद को लेकर रोटेशन का फैसला हुआ है। पहले दो साल तक बेनेट पीएम रहेंगे और फिर अगले दो साल तक याइर लुपिड देश की कमान संभालेंगे। नई सरकार के लिए संसद में वोटिंग का दिन अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि 14 जून को नए पीएम शपथ ले सकते हैं। इस साल 23 मार्च को चुनाव के नतीजे आए थे, जिसमें किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका था।
दुनिया के किसी लोकतंत्र में नहीं हुआ ऐसा चुनावी फ्रॉड: नेतन्याहू
बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी लिकुड पार्टी के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, 'हम देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा चुनावी फ्रॉड देख रहे हैं। मेरी राय में तो दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में ऐसा नहीं हुआ है।' नेतन्याहू ने कहा कि इसके चलते लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और जवाब दे रहे हैं। उन्हें चुप नहीं कराया जा सकता। उनका साफ इशारा बेनेट की ओर से किए गए उन वादों को लेकर था, जिनमें उन्होंने कहा था कि वह लैपिड या अन्य लोगों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू 2009 से ही इजरायल के पीएम के तौर पर काम कर रहे हैं।
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