कोरोना टीकों की खरीद से राज्यों को राहत देने के साथ ही केंद्र सरकार ने अब वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत कोरोना टीकों के आवंटन से लेकर अन्य कई चीजों को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक राज्यों को उनकी आबादी, कोरोना संक्रमण के प्रसार और वैक्सीनेशन की गति के हिसाब से टीके आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि टीकों की बर्बादी यदि होती है तो वैक्सीन के आवंटन में उसका पड़ सकता है। केंद्र की ओर से जारी यह नई गाइडलाइन 21 जून से लागू होने वाली है।
सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में लगने वाले कोरोना टीकों के दाम कंपनियों की ओर से तय किए जाएंगे। इसके अलावा राज्यों को छूट दी गई है कि 18 साल से अधिक आयु वाले लोगों के टीकाकरण के प्रायॉरिटी ग्रुप वे अपने अनुसार तय कर सकते हैं। नई गाइडलाइंस के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए जाने वाले टीकों की अडवांस में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद राज्यों को जिला प्रशासन को यह जानकारी देनी होगी। यही नहीं किस जिले के लिए कितने टीके आवंटित हुए हैं, इसका ब्योरा भी देना होगा। सरकार ने कहा है कि जिला प्रशासन को टीकों की उपलब्धता के बारे में आम लोगों तक जानकारी पहुंचानी होगी।
निजी अस्पतालों में टीकाकरण की राज्य सरकारें करेंगी निगरानी
केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में टीकों की कीमत को लेकर भी निर्देश दिए हैं। नए आदेश के तहत निजी अस्पतालों में लगने वाले टीकों की कीमत मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की ओर से तय की जाएगी। इसके अलावा किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में अस्पतालों को पहले से जानकारी दी जाएगी। कोरोना वैक्सीन की एक डोज के लिए निजी अस्पतालों की ओर से टीके की तय कीमत के अलावा 150 रुपये तक ही सर्विस चार्ज की वसूली की जा सकेगी। निजी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए सही कीमत ली जा रही है या फिर नहीं। इसकी निगरानी का काम राज्य सरकारों को सौंपा गया है।
देश में 75 फीसदी टीकों की सप्लाई करेगी केंद्र सरकार, राज्यों को खरीद से राहत
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम 5 बजे देश को संबोधित करते हुए वैक्सीनेशन पॉलिसी में बदलाव का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अब राज्यों को दी गई 25 फीसदी टीकों की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की ही होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ही 75 फीसदी टीके खरीदेगी और उन्हें राज्यों को सप्लाई करेगी। इसके अलावा निजी अस्पताल अपने कोटे के 25 फीसदी टीके कंपनियों से सीधे तौर पर खरीद सकेंगे।
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