आतंकी संगठन तालिबान ने पाकिस्तान सरकार की ओर से अमेरिका को एयरबेस न देने के फैसले का स्वागत किया है। तालिबान ने पाकिस्तान के इस फैसले को लेकर कहा है कि हम उसके इस फैसले का स्वागत करते हैं। तालिबान के प्रवक्ता सोहैल शाहीन ने कहा, 'पाकिस्तान सरकार की ओर से अमेरिकी बलों को एयरबेस न देने के फैसला का हम स्वागत करते हैं।' न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एयरबेस को लेकर चल रही बातचीत के फेल होने के बाद तालिबान का यह बयान सामने आया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में इस सप्ताह की शुरुआत में ही अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बातचीत फेल होने की बात कही गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका सेना के कुछ अफसरों की ओर से पाकिस्तान से बातचीत की जा रही थी, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है। हालांकि अब भी कुछ अधिकारियों का कहना है कि इस पर चर्चा चल रही है और आने वाले दिनों में कोई डील हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक बातचीत में पाकिस्तान ने एयरबेस देने के बदले में कई तरह की शर्तें रखी थीं। वहीं अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि उन्हें यह छूट होनी चाहिए कि सीआईए या फिर सेना के कहने पर अफगानिस्तान के अंदर तक किसी टारगेट पर हमला किया जा सके।
दरअसल अमेरिका ने अपने सैनिकों को इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से वापस बुलाने का फैसला लिया है। इसी के तहत सैनिकों की घर वापसी भी शुरू हो गई है। लेकिन इस बीच अमेरिका की कोशिश यह है कि पाकिस्तान में वह एयरबेस बना ले ताकि अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने पर वह आतंकियों पर निशाना साध सके। अमेरिकी की रणनीति पाकिस्तान में मौजूद एयरबेस के जरिए अफगानिस्तान में आतंकियों पर हमले करने की है। लेकिन अब तक इसे लेकर पाकिस्तान से सहमति नहीं बनी है। पेंटागन के सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि आखिर सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में हालात बिगड़ते हैं तो फिर कैसे उस समस्या से निपटा जाएगा।
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