पश्चिम बंगाल चुनावों में सीएम ममता बनर्जी को हराने वाले बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को पार्टी विधायकों के साथ राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। हालांकि, इस बैठक में बीजेपी के 74 विधायकों में से सिर्फ 50 ही मौजूद थे। बाकी, 24 विधायक बैठक में नहीं आए और अब इन 'गायब' विधायकों के कारण पार्टी की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, सियासी हलकों में चर्चा है कि ये सभी 24 विधायक सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
भाजपा के 74 विधायकों में से 24 विधायक शुभेंदु अधिकारी के साथ इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इससे इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या ये विधायक टीएमसी में वापसी कर सकते हैं? विधायकों के बैठक में न जाने से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि विधायक शुभेंदु अधिकारी की लीडरशिप के लिए तैयार नहीं थे।
सूत्रों का कहना है कि कई विधायक पार्टी से खफा है और कुछ विधायक मुकुल रॉय के नक्शेकदम पर चलकर टीएमसी में अपनी वापसी कर सकते हैं। पिछले हफ्ते मुकुल रॉय ने सत्ताधारी पार्टी में अपनी वापसी की थी जिनके बाद राजीव बनर्जी, दीपेंदु विश्वास और सुभ्रांशु रॉय सहित कई अन्य नेताओं के भी टीएमसी में शामिल होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी "उन लोगों के मामले पर विचार करेगी जिन्होंने मुकुल के साथ टीएमसी को छोड़ा था और अब वो वापस आना चाहते थे"। उनकी पार्टी ने कहा है वह कि 30 से अधिक विधायक उनके संपर्क में हैं।
मकुल रॉय से पहले सोनाली गुहा और दीपेंदु बिस्वास जैसे नेताओं ने खुलकर कहा था कि वे पार्टी में वापस लौटना चाहते हैं और मुख्यमंत्री से माफ़ी मांगी थी। इन सब के बीच भाजपा यह कहती रही है कि सबकुछ ठीक है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि वह राज्य में दलबदल विरोधी कानून लागू करने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि शुभेंदु अधिकारी ने पिछले साल दिसंबर में बीजेपी का दामन थाम लिया था, शुरू में अधिकारी बड़ी संख्या में नेताओं को अपने साथ लेकर आए थे। इसके बाद नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हराकर अधिकारी ने अपना नाम बड़ा किया था। चुनाव के बाद, उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया था. इसके अलावा पिछले महीने हुई चक्रवात समीक्षा की बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के साथ भी अधिकारी को आमंत्रित किया गया था।
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