भारत में थिएटर कमांड के गठन को लेकर पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में संकेत मिले कि रक्षा मंत्रालय, थल सेना और भारतीय नौसेना इसके गठन को पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन अकेली भारतीय वायुसेना ही ऐसी है जो इस प्रक्रिया के खिलाफ है। इस बीच थिएटर कमांड के पक्षधर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को वायु रक्षा चार्टर के साथ-साथ जमीनी बलों के लिए सहायक शाखा बता दिया है। इसपर जवाब देते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी एकीकृत युद्ध अभियान में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
थिएटर कमांड पर क्यों राजी नहीं वायुसेना?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वायुसेना अपनी सीमित हवाई संपत्ति को अलग-अलग थिएटर कमांडों के बीच बांटने का विरोध कर रही है, क्योंकि पश्चिमी और पूर्वी नौसैनिक बेड़े, समुद्री स्ट्राइक फाइटर जेट्स और भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और सेना के दो इन्फैंट्री ब्रिगेड के कंट्रोल के अलावा कोस्ट गार्ड समुद्री थिएटर कमांड के अधीन हो जाएंगे।
Comments
Leave Comments