मोदी कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। खबरे हैं कि सोनोवाल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वह पहले भी मोदी कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं लेकिन उन्हें असम का मुख्यमंत्री बनाकर वापस भेजा गया था। हालांकि, अब हिमंत सरमा को असम का मुख्यमंत्री बनाया गया है और तभी से यह माना जा रहा था कि सोनोवाल को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलेगी। इस बीच पीएम मोदी के आवास पर मंगलवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक रद्द होने की खबर है।
इस मीटिंग में बीजेपी चीफ जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया गया था। शाम को 5 बजे होने वाली इस मीटिंग में कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार पर बात होने की चर्चाएं थीं। हालांकि अब इस बैठक को ही रद्द कर दिया गया है।
इससे पहले 20 जून को भी पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के साथ एक मीटिंग की थी। इस दौरान उन्होंने 2019 से लेकर 2021 तक सरकार के कामकाज को लेकर बात की थी और मंत्रियों का फीडबैक भी लिया था। केंद्रीय कैबिनेट में कुल 79 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें से फिलहाल 53 ही हैं। इस तरह से 26 नए मंत्रियों के लिए पद खाली हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब कैबिनेट विस्तार की चर्चा चल रही है। इसकी वजह अगले साल 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को भी माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि इस विस्तार में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को साधा जा सके। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हिमाचल जैसे राज्यों को लेकर पार्टी चिंतित है। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल, एलजेपी नेता पशुपति नाथ पारस जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं। सिंधिया ने बीते साल ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था।
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