पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अभिव्यक्ति की आजादी पर नियंत्रण कसने के मामले में एक से ही हैं। प्रेस वॉचडॉग संस्था रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी 37 देशों के राष्ट्रप्रमुखों की लिस्ट में यह बात कही गई है। इस लिस्ट में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और हंगरी के पीएम विक्टर ओरबान को प्रेस की आजादी का शिकार करने वाला नेता बताया गया है। इसके अलावा इस सूची में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और हॉन्ग कॉन्ग की प्रशासक कैरी लाम को भी रखा गया है। यह पहला मौका है, जब महिला नेताओं को भी इस लिस्ट में रखा गया है।
सोमवार को जारी की गई यह लिस्ट 5 साल बाद आई है। इससे पहले 2016 को ही यह लिस्ट जारी की गई थी। ग्लोबल प्रेस संस्था ने कहा कि इस लिस्ट में शामिल 37 नेताओं में से 17 के नाम पहली बार जोड़े गए हैं। लिस्ट में कहा गया है कि इन नेताओं ने न सिर्फ अभिव्यक्ति पर रोक का प्रयास किया है बल्कि पत्रकारों को मनमाने ढंग से जेल भी भेजा गया है। लिस्ट में 19 देशों को रेड कलर में दिखाया गया है। इन देशों को पत्रकारिता के लिहाज से खराब हालात वाले देशों में से एक बताया गया है। इसके अलावा 16 देशों को ब्लैक कोडिंग दी गई है। ये वे देश हैं, जहां स्थिति बेहद खराब बताई गई है।
इस सूची में तुर्की के अर्दोआन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी, फिलीपींस के रोडर्गिगो दुतर्ते, ब्राजील के जायर बोलसोनारो को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में इमरान खान को पत्रकारिता का शिकारी बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'इमरान खान के पीछे सेना ने अपनी पकड़ को मजबूत कर लिया है। उनके पीएम बनने के बाद प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी गई है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि अखबारों का वितरण बाधित किया गया है। मीडिया कंपनियों को ऐड वापस लेने से लेकर अन्य तमाम चीजों की धमकियां दी गई हैं। यहां तक कि टीवी चैनलों के सिग्नलर्स को भी जाम किया गया है।
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