प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में बड़े फेरबदल देखने को मिले हैं। कई नए चेहरों को जगह दी गई है तो कई बड़े मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया गया है। इसके बाद से नए मंत्रियों के बयान भी आना शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने कहा है कि वह अभी भी बालासाहेब ठाकरे को अपना गुरु मानते हैं।
इंडिया टुडे टीवी ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे से बात की। यहां उन्होंने कहा कि वह अभी भी बालासाहेब ठाकरे को अपना गुरु मानते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के कारण उन्हें शिवसेना छोड़नी पड़ी थी।
इंटरव्यू में राणे से पूछा गया कि- कहा जा रहा है कि जहां पावर होती आप वहीं चलते जाते हैं? इसपर राणे ने कहा- मैं 39 साल तक शिवसेना के साथ रहा। बालासाहेब जी ने मुझे सीएम बनाया। बल्कि आज भी मैंने खुद कैबिनेट में जगह नहीं मांगी थी। जब मैं पार्टी के लिए काम करता हूं तो पार्टी मेरे बारे में सोचती है। कुछ भी गलत नहीं है। मैं बालासाहेब जी का सम्मान करता हूं, उन्हें अपना गुरु मानता हूं। जब मैं शिवसेना में था तब भी मुझे उद्धव ठाकरे का साथ नहीं था और मैंने उनकी वजह से ही शिवसेना छोड़ी।
राणे से जब पूछा गया कि आप शपथ लेने वाले पहले मंत्री थे। क्या यह महाराष्ट्र की राजनीति और शिवसेना के लिए कोई राजनीतिक संदेश था? तो उन्होंने जवाब दिया यह आपको लगता है लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं सोचती। जब प्रधानमंत्री ने सोचा कि मुझे मंत्री बनाना चाहिए, तो उन्होंने ऐसा किया। इससे शिवसेना को कोई संदेश देने का कोई मतलब नहीं है।
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