बहुप्रतिक्षित मोदी कैबिनेट में विस्तार और फेरबदल के बाद अब संगठन में पेच कसने की बारी है। मोदी कैबिनेट से जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई है, उन्हें अब संगठन के काम में लगाया जाएगा। आने वाले दिनों में मोदी कैबिनेट से हटाए गए नेताओं को संगठन में महासचिव पद से लेकर अलग-अलग जिम्मेदारी दी जा सकती है, क्योंकि अभी भाजपा के संसदीय बोर्ड में 5 पद खाली हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई भाजपा संसदीय बोर्ड में पांच रिक्तियां हैं। अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन और एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने और थावर चंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल बनने की वजह से ये पद खाली हुई हैं। माना जा रहा है कि इस संसदीय पैनल में किसी दलित नेता को भी जगह दी जा सकती है।
बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव कैबिनेट मंत्री बन गए हैं और उनके पास श्रम और पर्यावरण विभाग हैं। माना जा रहा है कि हटाए गए पांच कैबिनेट मंत्रियों में से एक को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है। कैबिनेट से हटाए गए रविशंकर प्रसाद नितिन गडकरी की अध्यक्षता में महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा, भूपेंद्र यादव गुजरात और बिहार के प्रभारी महासचिव भी थे। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। दोनों राज्यों के राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होने की वजह से इन जिम्मेदारियों को भी किसी महासचिवों में से एक को सौंपा जाएगा।
मोदी कैबिनेट से हटे प्रकाश जावड़ेकर, सदानंद गौड़ा, हर्षवर्धन और रमेश पोखरियाल निशंक को भी भाजपा संगठन में काम दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि मंत्री बनने से पहले हर्षवर्धन मुख्य रूप से भाजपा की दिल्ली इकाई में सक्रिय रहे हैं और फिर से उन्हें यहीं भेजा जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि यूपी में भाजपा के प्रमुख कुर्मी चेहरे के रूप में संतोष गंगवार को राजभवन में भेजा जा सकता है।
वहीं, थावर चंद गहलोत की जगह वीरेंद्र कुमार को सामाजिक न्याय मंत्रालय मिला है। थावरचंद गहलोत के कर्नाटक राजभवन जाने से राज्यसभा में सदन के नेता का पद भी खाली हो गया है। सूत्रों की मानें तो धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी को यह पद मिलने की संभावना है। कुछ अन्य महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारियां विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में जहां 2022 में चुनाव होंगे, उन्हें भी आने वाले दिनों में आवंटित किया जाना है। ऐसे में कुछ नए मंत्री को भी चुनावी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी परिषद के फेरबदल व विस्तार में एक दर्जन मंत्रियों को सरकार से हटा दिया गया है। इनमें थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया जा चुका है। सरकार से हटने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में रविशंकर प्रसाद, डॉ हर्षवर्धन , प्रकाश जावड़ेकर, संतोष गंगवार, रमेश पोखरियाल निशंक, सदानंद गौड़ा, बाबुल सुप्रियो, देबश्री चौधरी, संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया और प्रतापचंद सारंगी शामिल हैं।
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