पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर से चीनी सैनिकों की घुसपैठ और भारतीय जवानों से झड़प की खबर को सरकार ने खारिज किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर एक बार फिर से चीनी सैनिकों ने वास्तविक सीमा रेखा (LAC) को पार किया है। इसके अलावा दोनों देशों के सैनिकों के बीच कम से कम एक झड़प होने की बात भी कही गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने यह अतिक्रमण और झड़प गलवान नदी के पास उसी इलाके में किया है, जहां बीते साल 20 सैनिक शहीद हो गए थे। एक साल बीतने के बाद एक बार फिर से झड़प का दावा किया गया था, लेकिन सरकार ने ऐसी खबर को खारिज किया है।
केंद्र सरकार ने कहा कि यह खबर पूरी तरह से तथ्यों से परे और भ्रमित करने वाली है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'न्यूज रिपोर्ट कहती है कि चीन के साथ हुए समझौते ध्वस्त हो गए हैं। यह बात पूरी तरह से गलत और आधारहीन है।' यही नहीं सरकार की ओर से बताया गया है कि इस साल फरवरी में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद से अतिक्रमण की कोई घटना नहीं हुई है। बयान में कहा गया कि किसी भी पक्ष की ओर से उन इलाकों पर कब्जे की कोशिश नहीं की गई है, जहां से दोनों पक्षों ने हटने पर सहमति जताई थी।
सरकारी बयान में कहा गया कि मीडिया रिपोर्ट में जो दावा किया गया है, वह गलत है। गलवान घाटी या उसके आसपास के किसी भी इलाके में कोई झड़प नहीं हुई है। रिपोर्ट की मंशा ठीक नहीं थी और सत्य से परे थी। सरकार की ओर से कहा गया है कि सीमा पर दोनों पक्षों की ओर से मुद्दों को निपटाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा संबंधित इलाकों में लगातार भारतीय सैनिकों की ओर से पेट्रोलिंग की जा रही है। यही नहीं भारतीय सेना की ओर से पीपल्स लिबरेशन आर्मी की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है।
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