केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवरी को राज्यसभा में उपनेता की जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को पार्टी सूत्रों की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। बीजेपी सूत्रों ने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी को संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव है। वह पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। मुख्तार अब्बास नकवी को सभी दलों ने नेताओं से अपने अच्छे रिश्तों के लिए जाना जाता है। उन्हें ऐसे वक्त में यह जिम्मेदारी दी गई है, जब सदन में सरकार किसान आंदोलन, पेगासस जासूसी प्रकरण समेत कई मुद्दों पर विपक्ष के तीखे विरोध का सामना कर रही है।
हाल ही में राज्यसभा के नेता के तौर पर भी बड़ा बदलाव किया गया है और पीयूष गोयल को यह जिम्मेदारी मिली है। वह अब तक राज्यसभा में उपनेता के तौर पर काम देख रहे थे। लेकिन अब उन्हें राज्यसभा का नेता बनाए जाने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी को उनकी जगह पर लाया गया है। पीयूष गोयल को पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत के स्थान पर राज्यसभा में नेता का पद मिला है। थावरचंद गहलोत को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से ही बाहर कर दिया गया है और अब उन्हें कर्नाटक के राज्यपाल के तौर पर जिम्मेदारी मिली है।
इस तरह से देखें तो बीजेपी की ओर से राज्यसभा में सदन के नेता और उपनेता दोनों में बदलाव कर दिया गया है। पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी को संसद में किसी भी मसले पर पूरी तैयारी के साथ बोलने के लिए जाना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि सदन में सरकार का मजबूती के साथ पक्ष रखने के लिए पीयूष गोयल और मुख्तार अब्बास नकवी को नेता और उपनेता की जिम्मेदारी दी गई है।
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