सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को वास्तविक परिस्थितियों में टेस्टिंग के लिए जम्मू और पंजाब सेक्टरों में प्रोटोटाइप एंटी-ड्रोन सिस्टम लाने के लिए कहा है। बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में कर्नाटक के कोलार में बीएसएफ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष डीआरडीओ फैसिलिटी में नियंत्रित परिस्थितियों में एंटी ड्रोन सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
पाकिस्तान स्थित इस्लामवादी और खालिस्तानी आतंकी समूह भारत के भीतर, विशेष रूप से जम्मू- कश्मीर और पंजाब में अपने आतंकी नेटवर्क को पश्चिमी सीमाओं के पार हथियारों, विस्फोटकों और गोला-बारूद की सप्लाई के लिए मानव रहित ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इधर, आज जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां अखनूर में सेना ने एक विशाल पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया। इस ड्रोन के साथ पुलिस ने 5 किलो IED भी बरामद किया है। जम्मू-कश्मीर के कनाचक इलाके में पुलिस ने एक ड्रोन को मार गिराया है। माना जा रहा है कि विस्फोटकों के साथ इस ड्रोन को सीमा पार से भेजा गया था। बता दें कि 27 जून को वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमलों के बाद से अलग-अलग जगह पर ड्रोन देखे जाने की घटनाएं हो रही हैं। वायुसेना स्टेशन पर भी तीन बार ड्रोन देखे जाने की सूचना सामने आई। लेकिन ड्रोन का पता नहीं लग सका।
बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हुए हमले को अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और आज एक बार फिर से ड्रोन देखा गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इसे देखते ही पुलिस ने ढेर कर दिया। सीमा के पांच किलोमीटर भीतर इस ड्रोन को ढेर किया गया है। पुलिस की मानें तो इस ड्रोन से पांच किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना शुक्रवार तड़के की है। बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में लगातार सुबह के समय ही ड्रोन के देखे जाने की घटना सामने आई है।
एक अन्य घटना में बारामूला के सोपोर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को एनकाउंटर के दौरान मार गिराया है। आतंकियों के होने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान चलाया था, जिसमें हाउस-टू-हाउस सर्च में पुलिस ने आतंकियों से सरेंडर करने को कहा, मगर उन्होंने सुरक्षाबलों के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उसके बाद गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और उसे दो आतंकी मार गिराए।
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