तालिबान ने सोमवार को ऐलान किया है कि अब तक अजेय रहा पंजशीर प्रांत पूरी तरह उसके कब्जे में है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने एक बयान जारी कर कहा कि इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से निकल चुका है। बता दें कि 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद से अब तक पंजशीर ही अफगानिस्तान का अकेला प्रांत था, जो तालिबान के नियंत्रण में नहीं था। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी एपी को बताया कि रविवार रात हजारों तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा किया।
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही कुछ तस्वीरों में तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर के गवर्नर ऑफिस के गेट के बाहर खड़ा देखा गया है। हालांकि, अभी तक तालिबान से लोहा लेने वाले रेजिस्टेंस फोर्स का नेतृत्व करने वाले अहमद मसूद की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
तालिबान ने रविवार को दावा किया था कि उसने पंजशीर प्रांत के सभी जिलों पर नियंत्रण कर लिया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि पंजशीर के सभी जिला मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय और सभी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया गया है। तालिबान ने कहा कि विपक्षी बलों के कई हताहत भी हुए हैं। वाहनों, हथियारों को भी नुकसान पहुंचा है।
इस दौरान रविवार को यह भी खबर आई कि रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता की और घाटी में तालिबान से लोहा ले रहे अहमद मसूद के करीबी फहीम दश्ती की भी तालिबानी हमले में रविवार को मौत हो गई थी। पंजशीर में तालिबान के आगे कमजोर पड़ने के बीच नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने एक बयान जारी कर सीजफायर करने की मांग की थी।
रेजिस्टेंस फ्रंट ने खारिज किया था दावा
रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता ने एक ट्वीट में तालिबान के दावे का खंडन करते हुए कहा कि प्रतिरोध बलों ने रविवार को तालिबान से पंजशीर के पेरियन जिले पर फिर से कब्जा कर लिया था और तालिबान को भारी नुकसान पहुंचाया था।
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