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चेचेरे भाई प्रिंस राज को रेप केस से बचाने में बढ़ी चिराग की मुश्किलें? FIR में नाम आने पर कही ये बात

रेप केस में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद और चचेरे भाई प्रिंस राज पासवान के साथ आरोपी बनाए जाने पर सफाई देते हुए लोजपा नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि मैंने दोनो पक्षों की बात सुनी थीं और उन्हें पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि मैं आज भी इसके पक्ष में हूं कि पीड़ित को न्याय मिले।

 

चिराग ने कहा कि मैंने जनवरी में दोनों पक्षों को सुना, लेकिन कोई निर्णय लेने के लिए मैं जांच एजेंसी नहीं हूं। जो दोषी है उसे सजा मिलनी ही चाहिए। एफआईआर में मेरा भी नाम आया है, जहां कहा गया है कि यह मामला मेरी जानकारी में था। मैं तो कह ही रहा हूं कि मेरी जानकारी में था। मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने सुझाव दिया था कि उन्हें यह आपराधिक मामला है और उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए और घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए और मामले की जांच की जानी चाहिए। मैं अब भी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के पक्ष में हूं।

FIR में महिला ने कहा है कि होटल में रेप की बात मैंने चिराग पासवान को बताई थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। चिराग पासवान को सबूत मिटाने का आरोपी बनाया गया है।

 

 

प्रिंस राज ने दिल्ली की अदालत में दायर की अग्रिम जमानत याचिका

वहीं, लोजपा सांसद प्रिंस राज पासवान ने दुष्कर्म मामले में गिरफ्तारी बचने के लिए मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की और आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता उनसे उगाही करने की कोशिश कर रही थी। प्रिंस राज की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में सुनवाई होने की संभावना है। प्रिंस राज लोजपा संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के भतीजे और चिराग पासवान के चचेर भाई हैं। वह इस समय बिहार के समस्तीपुर सीट से लोकसभा सदस्य हैं।

 

 

अदालत के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रिंस राज ने वकील नितेश राणा के जरिये अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है। वकील ने दावा किया कि कथित पीड़िता और उसका पुरुष साथी वर्ष 2020 से ही प्रिंस राज से रुपयों की उगाही और ब्लैकमेल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कथित पीड़िता और उसके एक साथी ने प्रिंस राज से एक करोड़ रुपये की मांग की थी और राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी थी।

राणा ने बताया कि इस संबंध में दिल्ली के संसद मार्ग पुलिस थाने में 10 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी और मामले में महिला और उसके साथी को जुलाई में अग्रिम जमानत मिली थी। उन्होंने बताया कि 31 मई को महिला ने प्रिंस राज के खिलाफ कथित दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई। वकील ने बताया कि इसके बाद महिला ने अदालत का रुख किया और अपनी शिकायत पर प्रिंस राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध किया जिस पर अदालत ने पुलिस से कार्रवाई रिपोर्ट तलब की थी।

 

 

उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष पेश कार्रवाई रिपोर्ट में कहा गया कि महिला की शिकायत में कोई तथ्य नहीं मिला है और यह मामला उगाही का है। राणा ने दावा किया कि महिला और उसका दोस्त मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे थे और प्रिंस राज को धमकी देने और पैसे के लिए बातचीत रिकॉर्ड की थी। उन्होंने दावा किया कि महिला मई में पुलिस के समक्ष दर्ज कराई अपनी शिकायत की जांच में मदद करने के लिए पेश नहीं हुई। राणा ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने पहले ही अपना मोबाइल फोन और अन्य सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं और जांच एजेंसी की जांच में मदद कर रहे हैं।

गौरतलब है कि महिला ने इस साल मई में दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और दिल्ली की अदालत के निर्देश पर पुलिस ने नौ सितंबर को प्रिंस राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। महिला ने दावा किया है कि वह लोजपा कार्यकर्ता है और उसने प्रिंस राज पर बेहोशी की हालत में उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। 

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