खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के जेब का बोझ बढ़ा दिया है। इस मोर्चे पर राहत देने के लिए बीते दिनों केंद्र सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए। अब सरकार का दावा है कि इस फैसले की वजह से खाद्य तेलों की होलसेल कीमतों में भारी गिरावट आई है।
क्या कहा सरकार ने: सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक पैक किए जाने वाले पाम तेल के दैनिक थोक मूल्यों में 2.50 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके साथ ही तिल के तेल में 2.08 प्रतिशत, नारियल के तेल में 1.72 प्रतिशत, पैक किए जाने वाले मूंगफली के तेल में 1.38 प्रतिशत, पैक किए जाने वाले सूरजमुखी के तेल में 1.30 प्रतिशत, पैक किए जाने वाले सरसों के तेल में 0.97 प्रतिशत, पैक किए जाने वाले वनस्पति में 0.71 प्रतिशत और पैक किए जाने वाले सोया तेल के दैनिक थोक मूल्यों में 0.68 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
क्या लिया गया था फैसला: हाल ही में सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर शुल्क की मानक दर को और कम करते हुए 2.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सोयाबीन तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर शुल्क की मानक दर में कटौती करते हुए उसे 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस कटौती की वजह से खाद्य तेलों की दैनिक थोक कीमतों में गिरावट हुई है।
आपको बता दें कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में साप्ताहिक आधार पर खाद्य तेलों/तिलहनों के स्टॉक की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल भी तैयार कर रहा है। पोर्टल पर मिल मालिक, रिफाइनर, स्टॉकिस्ट और थोक व्यापारी आदि डेटा डालेंगे। राज्यों ने उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए खुदरा मूल्य को प्रमुखता से दिखाने के निर्देश भी जारी किए हैं।
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