दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद कल यानी 1 अक्टूबर से शराब की सभी प्राइवेट दुकानें बंद हो जाएंगी. नए लाइसेंस धारक शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे, हालांकि इस दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली रहेंगी.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद कल यानी 1 अक्टूबर से शराब की सभी प्राइवेट दुकानें बंद हो जाएंगी. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 266 प्राइवेट शराब की दुकानों सहित सभी 850 शराब की दुकानें टेंडर के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं. नए लाइसेंस धारक शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे. हालांकि, इस दौरान राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली रहेंगी, जो 16 नवंबर के बाद बंद हो जाएंगी.
1. नई नीति का उद्देश्य ग्राहक के अनुभव में सुधार करना, शराब माफिया पर रोक लगाना और चोरी को खत्म कर राष्ट्रीय राजधानी में शराब के कारोबार में सुधार करना है.
2. नई आबकारी नीति के तहत, दिल्ली सरकार शराब की दुकानों को 32 जोनों में बांट कर शहर भर में समान वितरण सुनिश्चित करना चाहती है.
3. नई नीति के अनुसार, एक जोन में 8-10 वार्डों को शामिल किया गया है और प्रत्येक जोन में लगभग 27 शराब की दुकानें होंगी. वर्तमान में, कुछ वार्डों में 10 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जबकि कुछ वार्डों में कोई दुकान नहीं है.
4. नई आवकारी नीति के तहत 17 नवंबर से खुदरा विक्रेता एमआरपी दरों पर शराब बिक्री के बजाय प्रतिस्पर्धी माहौल में बिक्री मूल्य (Selling Price) तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे.
5. एमआरपी का निर्धारण आबकारी आयुक्त द्वारा एक परामर्शी तंत्र के माध्यम से किया जाएगा. होलसेल प्राइस एक गणितीय सूत्र के माध्यम से तय किया जाएगा. वहीं रिटेल प्राइस प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा.
6. दिल्ली सरकार को नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों की बोली से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है.
7. दिल्ली सरकार ने कहा है कि शराब बेचने या परोसने की उम्र पड़ोसी राज्यों की उम्र के अनुरूप होनी चाहिए, जहां शराब पीने की कानूनी उम्र पहले से ही 21 साल है.
8. नई नीति के अनुसार, शराब की दुकानों को एयर कंडीशन के साथ रोशनी की अच्छी व्यवस्था और शीशे के दरवाजे रखने होंगे. वहां दुकान के बाहर और भीतर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे और एक महीने की रिकॉर्डिंग रखनी होगी.
9. होटल, क्लब और रेस्टोरेंट (HCR) के लिए नई नीति में बार लाइसेंस प्रदान करने से पहले कई लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता को खत्म किया जा सकता है. इसके बजाय बार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए केवल फायर एनओसी की ही जरूरत होगी. एचसीआर के लाइसेंसधारियों को लाइसेंस प्राप्त परिसर के भीतर किसी भी क्षेत्र में किसी भी भारतीय और विदेशी शराब परोसने की अनुमति इस शर्त के साथ दी जाएगी कि शराब परोसने वाले एरिया को सार्वजनिक रूप से बंद रखा गया हो.
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