यूपी सरकार ने यूपी में जारी नाइट कर्फ्यू को खत्म करने का फैसला लिया है। रक्षाबंधन से यूपी पूरी तरह से अनलॉक हो गया था, लेकिन यूपी में रात्रि 11 बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी था, जिसे बुधवार को खत्म कर दिया गया है। आपको बता दें कि 11 अगस्त को यूपी सरकार ने शनिवार की साप्ताहिक बंदी को भी समाप्त कर दिया था। इसके बाद प्रदेश में केवल सोमवार से लेकर शनिवार तक सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक गतिविधियों की अनुमति दी गई थी। रक्षाबंधन से सीएम योगी ने रविवार की साप्ताहिक बंदी को भी समाप्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद से प्रदेश पूरी तरह से अनलॉक हो गया था। यूपी में केवल रात्रि 11 बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी था, बुधवार को इसे भी खत्म कर दिया गया है।
यूपी में नाइट कर्फ्यू खत्म करने के साथ ही सावधानी बरतने के भी आदेश जारी किए गए हैं। यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यूपी में बेहतर होते हालात के बीच कुछ राज्यों में कोविड के मामले बढ़े हैं। इसको लेकर हमें सावधान रहना होगा। अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। ऐसे में घर से बाहर निकलने पर मास्क की अनिवार्यता हो या फिर भीड़-भाड़ वाली जगहों से परहेज, लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन के लिए फिर से जागरूक किया जाना जरूरी है।
यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दिन प्रतिदिन सरगर्मी तेज होती जा रही है। दल बदलने के साथ ही गठबंधन की राजनीति भी तेज हो गई है। बुधवार को सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर गठबंधन का ऐलान कर लिया। ओपी राजभर इससे पहले भाजपा, ओवैसी, शिवपाल, कांग्रेस, बसपा के नेताओं से भी गठबंधन के लिए मिल चुके थे।
अखिलेश के साथ गइबंधन का ऐलान करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में ओपी राजभर ने कहा कि इस समय प्रदेश में नफरत की राजनीति हो रही है। आज उत्तर प्रदेश में व्यापारी और नौजवान परेशान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भागीदारी मोर्चा में सीटों का विवाद नहीं है। राजभर ने कहा कि हमने सपा बसपा कांग्रेस भाजपा को निमंत्रण दिया था। अखिलेश यादव ने हमारे न्योते को स्वीकार किया और उनसे एक घंटे तक बात हुई । 27 तारीख को महापंचायत रखी है। जिसमें वंचित, दलित अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल होंगे। सीटों ले लिए 27 के बाद बैठ कर बात कर लेंगे। एक सीट भी समाजवादी पार्टी नहीं देगी तो भी हम सपा के साथ रहेंगे।
उन्होंने कहा कि बीजेपी हमारे मुद्दों से भाग रही है। उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव ने कहा हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हमारे मोर्चे में जो भी लोग शामिल है मिलकर सपा के साथ लड़ेंगे। 27 अक्टूबर को जो हमारी महापंचायत होगी उसी में हमने आने के लिए सपा अध्यक्ष को न्यौता दिया है। बीजेपी को खत्म करने के लिए हमारा गठबंधन है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीटों को लेकर हमारी कोई दिक्कत नहीं है। सपा एक भी सीट ना दे तो भी हम खुश है। सपा पार्टी सूत्रों ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक ऐसी समाजवादी व्यवस्था की स्थापना करना चाहते हैं, जिसमें समाजवादी विचारों का व्यावहारिक स्वरुप हो। जिससे खुशहाल, समावेशी और भेद-भावविहीन समाज बन सके। इसी संकल्प को सद्धि करने के लिए समाजवादी पार्टी सभी को साथ लेकर निरंतर आगे बढ़ रही है। यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग समेत वंचितों, शोषितों, किसानों, नौजवानों, महिलाओं, व्यापारियों के लिए अनगिनत कार्य किये। इसी कड़ी में कमजोरों के हक की आवाज को बुलंद करने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के साथ कदम से कदम मिला यूपी को विकास पथ पर ले जाने के लिए तैयार है।
उन्होंने दावा किया कि ये भाजपा के दमनकारी शासन के अंत की शुरुआत है। सुभासपा के संस्थापक ओमप्रकाश राजभर सदैव गरीब, किसान, मजदूर, दलित व पिछड़े वर्ग के लिए लड़ते आए हैं। सुभासपा ने हमेशा सामाजिक न्याय की बात कही है, चाहे फिर वह आबादी व आर्थिक आधार पर आरक्षण, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, प्राथमिक विद्यालय में तकनीकी शक्षिा, घरेलू बिजली बिल माफ, महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण, गरीबों को मुफ्त इलाज, कुटीर एवं लघु उद्योग से बेरोजगारों को रोजगार, प्राथमिक वद्यिालय से स्नातकोत्तर तक निशुल्क शक्षिा, बिना भेदभाव के नौकरी, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराना, निशुल्क स्वास्थ्य-शक्षिा और बिजली आदि।
सूत्रों के अनुसार अरविंद राजभर (प्रमुख महासचिव, पूर्व राज्यमंत्री), अरुण कुमार राजभर (राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता), सुनील कुमार अर्कवंशी (प्रदेश अध्यक्ष), महेंद्र राजभर (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) सतीश बंजारा, गुलाब खंगार, प्रेमचंद कश्यप आदि नेता सुभासपा के साथ खड़े हैं।
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