यूपी चुनाव में जिन्ना की एंट्री हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना को गांधी-नेहरू-पटेल जैसा फ्रीडम फाइटर बताने पर बीजेपी ने घेरा है। यूपी सियासत में बहस शुरू हो गई है। योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। हमलावर मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू की विचारधारा है कह कर अखिलेश ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है। उन्हें इसके लिए माफ़ी मांगना चाहिए। देश के अंदर कुछ लोगों के दिलों में अभी जिन्ना की विचारधारा है। लोगों को ऐसी विचारधारा से बचना चाहिए और ये समाजवादी नहीं जिन्नावादी विचारधारा है जिससे लोगों को बचना चाहिए।
स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट कर साधा निशाना
इससे पहले रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया है कि “सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं।” इस ट्वीट के साथ उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव का एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें अखिलेश यादव बोल रहे हैं कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ाई लिखाई की। आजादी दिलाई।
अखिलेश ने दिया था यह बयान
दरअसल रविवार को अखिलेश यादव ने गांधी, पटेल और नेहरू के साथ जिन्ना का नाम भी जोड़ दिया। भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था से पढ़कर निकले। बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। यह भी कहा कि आजादी के लिए हर तरह का संघर्ष किया। भाजपा के लोग वाकई पटेल जी को मानते हैं तो तीनों कृषि कानून रद करें। इस दौरान सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार साढ़े चार साल में अपने शिलान्यास किए हुए एक भी काम का उद्घाटन नहीं कर पाई है।
चुनाव प्रचार के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने भी की थी जिन्ना की तारीफ
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ के लिए प्रचार करने गए शत्रुघ्न सिन्हा ने भी मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि जिन्ना ने भारत के विकास और आजादी में बड़ा योगदान दिया है। सरदार पटेल से लेकर नेहरू तक, महात्मा गांधी से लेकर जिन्ना तक, इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी में आया हूं। हालांकि विवाद बढ़ते ही सिन्हा पलट गए। उन्होंने कहा कि वह मौलाना आजाद का नाम लेना चाहते थे, लेकिन गलती से जिन्ना का नाम मुंह से निकल गया।
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