दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे यहां स्वास्थ्य आपातकाल की चिंता पैदा हो गई है। विशेषज्ञों ने लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है। प्रदूषण इस समय सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की चिंताओं में शामिल है। ऐसे समय में जब कॉप26 जैसे सम्मेलनों में जलवायु परिवर्तन पर गंभीर चर्चाएं हो रही हैं, इसी बीच स्विट्जरलैंड स्थित जलवायु समूह आईक्यूएयर की वायु गुणवत्ता और प्रदूषण शहर ट्रैकिंग सेवा ने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी है की है, जिसमें तीन शहर भारत के हैं। इस लिस्ट में पाकिस्तान और चीन के भी इलाके शामिल हैं।
सबसे प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट दिल्ली 556 वायु गुणवत्ता के साथ टॉप पर है। इस लिस्ट में कोलकाता चौथे नंबर पर है और मुंबई छठे स्थान पर है। सबसे खराब एक्यूआई सूचकांक वाले शहरों में पाकिस्तान में लाहौर और चीन में चेंगदू भी शामिल हैं। IQAir के अनुसार सबसे खराब वायु गुणवत्ता संकेतक और प्रदूषण रैंकिंग वाले दस शहर यहां दिए गए हैं:
1. दिल्ली, भारत (एक्यूआई: 556)
2. लाहौर, पाकिस्तान (एक्यूआई: 354)
3. सोफिया, बुल्गारिया (एक्यूआई: 178)
4. कोलकाता, भारत (एक्यूआई: 177)
5. ज़ाग्रेब, क्रोएशिया (एक्यूआई: 173)
6. मुंबई, भारत (एक्यूआई: 169)
7. बेलग्रेड, सर्बिया (एक्यूआई: 165)
8. चेंगदू, चीन (एक्यूआई: 165)
9. स्कोप्जे, उत्तरी मैसेडोनिया (एक्यूआई: 164)
10. क्राको, पोलैंड (एक्यूआई: 160)
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के निर्णय समर्थन प्रणाली ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली को अन्य शहरों से भी प्रदूषक प्राप्त हुए जिनमें कि झज्जर, गुरुग्राम, बागपत, गाजियाबाद और सोनीपत शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
पराली जलाने से बढ़ा दिल्ली में प्रदूषण
चार हजार से अधिक खेतों में पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को इसका योगदान 35 प्रतिशत रहा और अपराह्न चार बजे तक 24 घंटे के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 471 दर्ज किए जाने में पराली जलाए जाने का अहम योगदान रहा। यह इस मौसम में एक्यूआई का सबसे खराब स्तर है। एक्यूआई बृहस्पतिवार को 411 था।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, हर साल एक नवंबर से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में लोगों को बेहद दूषित हवा में सांस लेनी पड़ती है। फरीदाबाद (460), गाजियाबाद (486), ग्रेटर नोएडा (478), गुरुग्राम (448) और नोएडा (488) में भी अपराह्न चार बजे गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
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