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राज्य

कभी था बसपा का गढ़, आज बुंदेलखंड के हर खंड में भाजपा की पकड़; जानें क्या है समीकरण

उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में सभी योद्धा उतर चुके हैं। पश्चिम यूपी से लेकर पूर्वी जिले गाजीपुर तक और दक्षिण में बुंदेलखंड तक सियासी कार्यक्रमों का दौर जोरों पर है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण कार्यक्रम में सुल्तानपुर पहुंचे थे और अब वह शुक्रवार को महोबा पहुंचने वाले हैं। जिला प्रशासन पीएम नरेंद्र मोदी के विमान के उतरने के लिए फिलहाल हैलिपैड बनाने में जुटा है, लेकिन भाजपा इस दौरे से वोटों की पिच भी तैयार करने की कोशिश में है। पीएम नरेंद्र मोदी यहां अर्जुन सहायक प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग करेंगे। इससे बुंदेलखंड के किसानों को पानी की उपलब्धता के मामले में बड़ी सहायता मिलने की उम्मीद है। पीएम नरेंद्र मोदी का झांसी जाने का भी कार्यक्रम है। 

अर्जुन सहायक प्रोजेक्ट से महोबा, हमीरपुर और बांदा के गांवों के किसानों को पानी मिल सकेगा। महोबा जिले में 2019 में भी भाजपा ने पीएम नरेंद्र मोदी की रैली कराई थी और हर सीट पर पार्टी को जीत हासिल हुई थी। एक बार फिर से पार्टी इस जिले को लकी मान रही है और पीएम नरेंद्र मोदी के बुंदेलखंड अभियान की शुरुआत यहीं से होने वाली है। अर्जुन सहायक परियोजना के जरिए तीन जिलों को भी साधने की तैयारी है। बुंदेलखंड क्षेत्र में विधानसभा की कुल 19 सीटें हैं और 2017 में भाजपा ने सभी पर जीत हासिल की थी। ऐसे में एक बार फिर से पार्टी यहां जीत दर्ज करके पश्चिम यूपी के जिलों में होने वाले नुकसान की भरपाई करना चाहेगी।

 

एबीपी न्यूज और टाइम्स नाउ के ओपिनियन पोल में भी भाजपा के यहां एक बार फिर से बड़ी बढ़त के साथ जीतने का अनुमान लगाया गया है। 15 से 17 सीटें भाजपा की झोली में जाने का अनुमान है। हालांकि एक दौर था, जब बुंदेलखंड बसपा का गढ़ हुआ करता था और मायावती की सोशल इंजीनियरिंग ने यहां खासा असर डाला था। एक तरफ मायावती की टीम के बड़े मुस्लिम चेहरे रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी बांदा से आते थे तो वहीं ओबीसी फेस कहे जाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा भी यहीं के थे। यही नहीं पुरुषोत्तम नारायण द्विवेदी जैसे नेताओं को भी बसपा ने यहां से मौका देकर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की थी।

इस तरह बसपा ने मुस्लिम, ओबीसी, दलित और ब्राह्मणों को साधकर बुंदेलखंड में धाक जमाई थी। लेकिन अब इस क्षेत्र में भाजपा ने अपनी जगह मजबूत कर ली है और बसपा के सभी नेताओं की विदाई से मायावती अकेली पड़ गई हैं। वहीं भाजपा सरकार ने झांसी से चित्रकूट के क्षेत्र को डिफेंस कॉरिडोर घोषित किया है। यही नहीं इटावा से चित्रकूट तक बन रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जरिए भी पार्टी ने बड़ी सौगात क्षेत्र को दी है। चित्रकूट में एयरपोर्ट से लेकर अन्य तमाम परियोजनाओं के जरिए भाजपा ने विकास और हिंदुत्व को साथ लेकर चलने का काम किया है। ऐसे में एक बार फिर से पार्टी यहां सपा और बसपा जैसे प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले मजबूत नजर आ रही है।

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