देवगुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन से इन 4 राशियों के जीवन में होंगे बड़े बदलाव, धन- लाभ के लिए करें ये खास उपाय
Jupiter Transit In Aquarius 2021 : मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष द्वितीया 21 नवम्बर 2021 दिन रविवार को दिन में 11:30 बजे देवगुरु बृहस्पति अपने स्वाभाविक गोचरीय संचरण के क्रम में शनिदेव की पहली राशि मकर छोड़कर शनिदेव की ही दूसरी राशि कुम्भ में गोचरीय संचरण प्रारंभ करेंगे। देवगुरु एक राशि में लगभग 13 माह तक वक्री एवं मार्गी गति के साथ गोचरीय संचरण करते है। देवगुरु अपनी नीच राशि मकर में 14 सितंबर से 21 नवम्बर तक वक्री एवं मार्गी गति करते हुए 21 नवम्बर 2021 दिन रविवार को अगली राशि कुम्भ में प्रवेश कर गोचरीय संचरण प्रारम्भ करेंगे। जिसका प्रभाव सम्पूर्ण चराचर सहित सभी लग्नों पर दिखेगा :-
मेष राशि :-
- भाग्य और व्यय के कारक होकर लाभ भाव में।
- पराक्रम व सम्मान में वृद्धि।
- मित्रों,भाई-बंधुओ का सहयोग प्राप्त होगा।
- संतान एवं पढ़ाई के क्षेत्र से सुसमाचार,प्रगति।
- दाम्पत्य,प्रेम संबंध में सुधार,वैवाहिक प्रगति।
- साझेदारी से लाभ एवं नई साझेदारी भी सम्भव।
- भाग्य का साथ मिलेगा।
- नए व्यापार या उद्योग के लिए खर्च ज्यादा होगा।
उपाय :- मंदिर एवं पूजनीय स्थल की देखभाल एवं सेवा करें।
- अष्टम एवं लाभ के कारक होकर राज्य भाव में।
- पारिवारिक वृद्धि, मांगलिक या नया कार्य होगा।
- जमीन जायदाद, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि।
- माता के सुख सानिध्य में एवं आलस्य में भी वृद्धि।
- व्यापार एवं धनागम के नए स्रोत में वृद्धि।
- आंतरिक शत्रुओं,रोग एलर्जी, लिवर की समस्या।
- नई साझेदारी ,नया व्यापार नए सम्बन्धो में वृद्धि।
- ॉअध्यापन, राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ।
उपाय :- सत्यनारायण व्रत कथा का श्रवण करें।
मिथुन राशि:-
- सप्तम एवं राज्य के कारक होकर भाग्य भाव में।
- व्यक्तित्व,आकर्षण,सम्मान व वर्चस्व में वृद्धि।
- पराक्रम, मित्रो,भाई-बहनों के सुख में वृद्धि।
- जीवनसाथी का सहयोग व प्रेम संबंधों में वृद्धि।
- साझेदारी, नए व्यापार की शुरूआत सम्भव।
- अध्ययन-अध्यापन, शिक्षा व संतान की प्रगति।
- परिश्रम, कार्य क्षेत्र में प्रगति एवं परिवर्तन।
- भाग्य वृद्धि के लिए परिश्रम ज्यादा करना पड़ेगा
उपाय :- अपने से उम्र में बड़ो ,साधु संतों एवं ब्राह्मणों का सम्मान करें। पीपल के वृक्ष की देखभाल करें।
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कर्क राशि :-
- रोग एवं भाग्य के कारक होकर अष्टम भाव में।
- धनागम एवं धन के नए स्रोत में वृद्धि।
- पारिवारिक वृद्धि ,परिवार में नया कार्य।
- जमीन ,स्थिर संपत्ति ,गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि।
- व्यक्तिगत, व्यापारिक एवं धार्मिक यात्रा सम्भव।
- पेशाब ,लिवर, पेट व आंतरिक कष्ट में वृद्धि संभव।
- शत्रुओं में वृद्धि परंतु बुद्धिबल से पराजित करेंगे।
- भाग्य में अवरोध के साथ प्रगति।
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