संसद के शीत सत्र की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी विपक्षी दलों से शांति के साथ सवाल पूछने की अपील की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमें देश हित के मुद्दों पर समझदारी और एकता के साथ बात करने की जरूरत है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अहम अवसर है, जब हमें रचनात्क चर्चा करके देशहित में आगे बढ़ना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है और रचनात्मक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ आवाज प्रखर होनी चाहिए, लेकिन संसद और चेयर की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने को तैयार है। पिछले सत्र के बाद कोरोना की विकट स्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लगाए हैं। इस दिशा में हम और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट की खबरें हमें और सतर्क रहने को कहती हैं। मैं सभी लोगों और अपने संसद के साथियों से आग्रह करता हूं कि वे सतर्क रहें। देश के 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को कोरोना काल में और अधिक दिक्कत न हो, इसके लिए पीएम गरीब कल्याण अन्ना योजना के तहत मुफ्त राशन दिए जाने की योजना चल रही है। इस स्कीम को अब मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद के कामकाज की समीक्षा उसके कामों से होनी चाहिए। सत्र में इसे काम का मानक नहीं माना जा सकता कि कितने हंगामे के साथ कुछ लोगों ने संसद को रोक दिया। उन्होंने कहा कि सवाल भी होने चाहिए और शांति भी होनी चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी कहा कि संसद का यह अत्यंत महत्वपूर्ण है, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर रचनात्मक, सकारात्मक और राष्ट्रहित और जनहित को लेकर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए हर कोई अपना प्रयास कर रहा है। ये खबरें अपने आप में भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं।
सरकार की खुलकर हो आलोचना, पर हंगामा ठीक नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अहम अवसर है, जब हमें रचनात्क चर्चा करके देशहित में आगे बढ़ना चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है और रचनात्मक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ आवाज प्रखर होनी चाहिए, लेकिन संसद और चेयर की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए। सरकार हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने को तैयार है। पिछले सत्र के बाद कोरोना की विकट स्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लगाए हैं। इस दिशा में हम और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
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