चीन दुनिया भर में अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है। इस बीच यूनाइटेड किंगडम की खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने चेताया है कि चीन, ब्रिटेन और उसके सहयोगियों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। MI6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने कहा चीन, रूस, ईरान और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद यह चार बड़े खतरे हैं जिनका सामना इस अस्थिर दुनिया में ब्रिटेन की जासूसी एजेंसियों को करना पड़ रहा है। उन्होंने इन तीनों देशों को आतंकवाद जैसा खतरा बताया है।
ब्रिटेन की खुफिया सेवा का प्रमुख बनने के बाद रिचर्ड मूर ने अपने पहले संबोधन में खतरे की अलग-अलग प्रकृतियों के बारे में बताया। मूर ने कहा कि चीन की खुफिया एजेंसियां हमारी सिंगल प्राथमिकताओं में शुमार है। चीन को अपने देश से बिल्कुल अलग बताते हुए मूर ने कहा बीजिंग, यूके और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर जासूसी करवा रहा है। चीन की मंशा यहां के राजनीतिक निर्णयों को प्रभावित करने की है। रिचर्ड मूर ने कहा कि चीन जैसे देश संप्रभुता और लोकतंत्र को खत्म करने के लिए ‘कर्ज के जाल, डाटा खुलासे’ का उपयोग कर रहे हैं।
मूर ने कहा, 'ताइवान मुद्दे को हल करने के लिए चीन अपनी मिलिट्री ताकत बढ़ा रहा है और इस पार्टी की मंशा है कि वो जरुरत पड़ने पर फोर्स का इस्तेमाल कर इस मुद्दे को हल करे। इससे दुनिया में स्थिरता और शांति को भारी चुनौती पैदा होगी। मूर ने कहा कि रूस से भी यूके को खतरा है। उन्होंने कहा कि मॉस्को स्पॉन्सर कीलिंग करवा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि साल 2018 में इंग्लैंड में पूर्व जासूस सेरजेई स्क्रिपल को जहर दे दी गई। इसके अलावा साइबर हमले किये गये ताकि देश के प्रजातांत्रिक ढांचे को आघात पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा, 'हमें और हमारे सहयोगियों को रूस की इन गतिविधियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
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