इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सबसे सफल कप्तान रोहित शर्मा ने समझाया कि कैसे आईपीएल खेलने और टीम इंडिया के लिए खेलने में बड़ा अंतर है। रोहित की कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने पांच आईपीएल खिताब जीते हैं। रोहित ने कहा कि आईपीएल खेलने के लिए पूरा सीजन होता है और खिलाड़ी यह सोचकर निश्चिंत हो सकते हैं कि उन्हें कम से कम 13-14 मैच खेलने के लिए मिलेंगे, लेकिन जब आप टीम इंडिया के लिए खेलते हैं तो प्रतिद्वंद्विता काफी ज्यादा होती है, कुछ खराब मैच के चलते आप टीम से बाहर हो सकते हैं।
'बैकस्टेज विद बोरिया' पर बोरिया मजूमदार ने जब रोहित से पूछा कि आईपीएल ट्रॉफी और एशिया कप ट्रॉफी जीतना एक बात है, लेकिन क्या आप खुद को वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाते देखते हैं, इस पर रोहित ने कहा, 'मुझे नहीं पता, बिल्कुल आप कप्तान के तौर पर वर्ल्ड कप जीतना चाहते हैं। कौन नहीं चाहता कि वह वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाएं। लेकिन उसके लिए हमें काफी काम करना होगा। उसके लिए सभी को काफी मेहनत करनी होगी, अपने रोल को समझना होगा, उसके हिसाब से खेलना होगा।'
रोहित ने आगे कहा, 'जब आप आईपीएल खेलते हैं, तो खिलाड़ियों का रोल अलग होता है, जब वह टीम इंडिया के लिए खेलते हैं, तो उनका रोल अलग होता है। लोगों को समझना होगा कि आईपीएल बहुत अच्छा है, लेकिन आप उसके प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान ना दें। जब आप टीम इंडिया के लिए खेलने की बात करते हैं, तो यह ज्यादा जरूरी है। आईपीएल में आपको 16-17 मैच मिलते हैं, और आपको पता होता है कि आप इस टीम से ड्रॉप नहीं होंगे। लेकिन टीम इंडिया में वैसी स्थिति नहीं है। पहली ही गेंद से आपके ऊपर दबाव होता है। यहां आप अलग बैटिंग पोजिशन पर खेलने उतरते हैं। आपको बस तीन मैच मिलते हैं, द्विपक्षीय सीरीज में तीन मैच, ज्यादा से ज्यादा पांच मैच। इसके बाद रोटेशन पॉलिसी होती है, क्योंकि आपको सबको देखना होता है। तो बहुत ऐसे फैक्टर्स हैं, जिन्हें हमें देखना होगा। इसलिए अपने देश के लिए खेलना और उसके लिए रन बनाना अच्छा लगता है।'
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