आंखों में आंसू, हाथों में तिरंगा, दिल में गर्व और गम...। तमिलनाडु में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर क्रैश में दुनिया को अलविदा कहने वाले ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी पत्नी और बेटी का यही हाल था। दिल्ली कैंटर के बरार स्क्वैयर में ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी और बेटी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह समेत कई हस्तियां इस मौके पर पहुंची थीं, लेकिन हर किसी की नजरें उनकी पत्नी और बेटी पर थीं, जिनके आंसू गिरते रहे और वे श्रद्धांजलि देती रहीं। पत्नी ने ताबूत को चूमा, फूल अर्पित किए और देर तक उससे लिपटी रहीं।
फिर जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से पहले लिड्डर के शव पर रखे तिरंगे को जब उन्हें सौंपा गया था तो सिर झुकाकर उसे माथे लगाया और देर तक रोती रहीं। पति को खोने का गम और देश सेवा के गर्व का मिलाजुला भाव उनके चेहरे पर देखने को मिल रहा था। 13 साल की बेटी अहाना और पत्नी को छोड़कर गए लिड्डर का हाल ही में मेजर जनरल के पद पर प्रमोशन होने वाला था, लेकिन उससे पहले ही यह दुखद खबर देश और उनके परिजनों को सुनने को मिली। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह भी इस दौरान ब्रिगेडियर के परिवार को सांत्वना देते और ढांढस बंधाते नजर आए।
ब्रिगेडियर के अलावा आज ही सीडीएस जनरल बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत का भी अंतिम संस्कार होना है। इससे पहले उनके शवों को घर ले जाया गया है, जहां आम लोग, सैन्यकर्मी एवं अन्य हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। इसके अलावा कई अन्य सैनिकों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक घरों में ही किया जाना है। इसकी वजह यह है कि सैनिकों के परिजनों ने अपने बेटों को अपने पैतृक स्थान पर ही अंतिम विदाई देने का फैसला लिया है। इन सभी के शवों को हेलिकॉप्टर के जरिए उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा।
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