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भारत

एक थे नेहरू और एक हैं PM नरेंद्र मोदी, केदार से काशी तक 'मंदिर मार्ग' से क्या संदेश देना चाहती है भाजपा

केदारनाथ, अयोध्या और काशी जैसे कई प्रमुख स्थानों पर मंदिरों के पुनरुद्धार, सांस्कृतिक म्यूजियम जैसी चीजों के निर्माण और अन्य तमाम सुविधाओं के विस्तार से पीएम नरेंद्र मोदी ने राजनीति के एक नए युग की शुरुआत की है। हर हर महादेव और बाबा केदार के नारे लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी अकसर लोगों के मन को छूते हैं और विरासत एवं विकास के संगम की बात करते हैं। गुजरात मॉडल के दौर से ही उनकी यह छवि रही है कि वे हिंदुत्व और विकास को साथ लेकर चलने वाले नेता है। प्रधानमंत्री बनने के बाद से उन्होंने अपनी इस कार्यशैली को और धार दी है। खासतौर पर यूपी जैसे राज्य की उन्होंने शानदार समझ विकसित की है और वह उन मुद्दों, विरासत और संकल्पों की बात करते हैं, जिनका लोगों से सीधा कनेक्ट रहा है।

 

प्रतीकों के महत्व को भी पीएम नरेंद्र मोदी बहुत अच्छे से समझते हैं। यही वजह है कि बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, काशी, केदारनाथ और अयोध्या जैसे सांस्कृतिक स्थानों के कायाकल्प में भाजपा जुटी हुई है। एक तरफ इनके जरिए भाजपा विकास और हिंदुत्व को साथ लेकर आगे बढ़ने की तैयारी में है तो वहीं पीएम नरेंद्र मोदी इसे अलग लेवल पर ले जाना चाहते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी को आजादी के बाद सबसे महान हिंदू नेता के तौर पर पेश करना चाहती है, जिसने न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी हिंदू मंदिरों का निर्माण और पुनर्निर्माण कराया। 

 

सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण से नेहरू की दूरी का जिक्र करती रही है भाजपा

 

बीते दशकों में सरकारों की रुचि न होने के चलते उपेक्षित पड़े मंदिरों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने फोकस किया है और नए निर्माण से कायाकल्प करने का काम किया है। यह एक बड़ा वैचारिक प्रयोग भी है। खासतौर पर देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू का भाजपा की ओर से अकसर जिक्र किया जाता रहा है, जो सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के खिलाफ थे और यहां तक कि पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को भी उन्होंने सोमनाथ मंदिर के नए परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में न जाने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि इससे हिंदूवाद बढ़ेगा। 

 

अमित शाह ने मोदी को बताया, भारतीय संस्कृति का ध्वज रक्षक

पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही कई मंदिरों में पुनर्निर्माण के प्रोजेक्ट शुरू किए। यही नहीं लगातार राजनीतिक दौरों के वक्त भी वह मंदिरों के दर्शन को गए और खुलकर जयघोष कर हिंदुत्व का संदेश दिया। भाजपा की रणनीति को हम होम मिनिस्टर अमित शाह के एक ट्वीट से भी समझ सकते हैं। रविवार को उन्होंने ट्वीट किया था, 'भारतीय संस्कृति के संवाहक व धर्म ध्वज रक्षक के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सनातन संस्कृति के आस्था केंद्रों के गौरव को पुनर्जीवित करने का अभिनव कार्य किया है। आज का दिन हर भारतीय के लिए अत्यंत हर्ष व गौरव का दिन है।'

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