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ट्रैफिक के लिए जनवरी में ही खुल पाएंगे गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर, जानें- किसानों की वापसी के बाद भी क्या है देरी

भले ही किसानों का आंदोलन खत्म हो चुका है, लेकिन दिल्ली से सटे बॉर्डरों को ट्रैफिक के लिए पूरी तरह से खुलने में अभी वक्त लगेगा। नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एनएचएआई ने कहा है कि दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ने वाला गाजीपुर बॉर्डर और नेशनल हाईवे 44 पर सिंघु बॉर्डर किसानों के आंदोलन की वजह से पिछले करीब एक साल से बंद थे। अब किसान यहां से लगभग निकल चुके हैं और आखिरी जत्थे और तंबू भी एकाध दिन में हट जाएंगे। लेकिन ये दोनों बॉर्डर जनवरी से ही पूरी तरह खुल पाएंगे। इसकी वजह यह है कि किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने भी कुछ पक्के बैरिकेड बना दिए थे। उन्हें हटाने और फिर पूरे निरीक्षण के बाद ही बॉर्डर खुलेंगे।

 

एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि एनएच-24, एनएच-9 और एनएच-44 पर दोनों तरफ के हिस्सों के निरीक्षण का कार्य 15 दिसंबर के बाद से शुरू होगा। दरअसल किसानों ने कहा है कि 15 दिसंबर को ही हाईवे के दोनों तरफ के हिस्सों को पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद दोनों तरफ के हिस्सों को पूरी तरह साफ करने में 2 हफ्तों का समय लगेगा। 

हाईवे को हुआ है नुकसान, रिपेयरिंग के बाद ही चलेगा ट्रैफिक

नाम ना बताने की शर्त पर एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'किसान जब दोनों तरफ के हिस्सों से पूरी तरह हट जाएंगे तब उसके बाद निरीक्षण का काम हम शुरू करेंगे। हमारी टीम एनएच के नष्ट हुए हिस्सों का निरीक्षण करेगी। इसके बाद इसकी रिपेयरिंग का काम शुरू होगा। नए साल से लोग इस पर सफर कर सकेंगे। 

 

किसानों की घर वापसी जारी, आज आखिरी जत्थे भी लौटने की तैयारी में

बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब 1 साल तक प्रदर्शन करने के बाद किसानों का आंदोलन हाल ही में खत्म हुआ है। हजारों किसान जो दिल्ली की सीमाओं पर जमे थे वो अब धीरे-धीरे अपना सामान समेट घर की तरफ जाने लगे हैं। 29 नवंबर को केंद्र सरकार ने संसद में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास कर उसे रद्द कर दिया है। 

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