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राजनीति

पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान किस राजनीतिक पार्टी को समर्थन देंगे? यूनियन ने दिया जवाब; आपसी टूट भी आई नजर

पंजाब  अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। इस चुनाव में क्या किसान यूनियन किसी पार्टी को अपना समर्थन देगा? इस सवाल को लेकर अब तक कयासों का दौर जारी था। लेकिन अब यूनियन ने इसका जवाब दिया है। गुरुवार को किसानों से जुड़े 22 संगठनों ने संयुक्त तौर पर कहा, 'किसानों का मुद्दा किसी भी राजनीतिक दल के उद्देश्यों से बड़ा है और किसान यूनियनों को किसी भी पारंपरिक राजनीतिक पार्टी में जाने से बचना चाहिए। अगर इसकी जरुरत पड़े तो उन्हें इन राजनीतिक पार्टियों से अलग होकर चुनाव लड़ना चाहिए।' लुधियाना के समराला में एक बैठक के दौरान इन संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से यह बात कही गई है। 

 

संयुक्त किसान मोर्चा में टूट

लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत आने वाले किसान यूनियनों की इस बैठक में मोर्चे के अंदर चल रही गुटबाजी भी नजर आई। बता दें कि इस मोर्चे में कुल 32 किसान संगठन हैं। इस बैठक के लिए इनमें से सिर्फ 25 को ही आने के लिए न्योता दिया गया था। बताया जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल और बीकेयू सिद्धूपुर चीफ जगजीत सिंह ढालेवाल के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। संयुक्त किसान मोर्चे में टूट के कयास लगाए जा रहे हैं।

7 यूनियम बैठक में नदारद

संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 7 यूनियनों- क्रांतिकारी किसान यूनियन, बीकेयू क्रांतिकारी, आजाद किसान कमेटी दाओबा, बीकेयू सिधूपुर, लोक भलाई वेलफेयर इंसाफ कमेटी, गन्ना संघर्ष कमेटी दासूया और जय किसान आंदोलन को इस बैठक में शामिल होने का आमंत्रण नहीं मिला था। इसके अलावा कम से कम तीन अन्य यूनियन भी इस बैठक में नजर नहीं आए। बताया जा रहा है कि कृषि कानूनों को लेकर एक साल तक चले किसान आंदोलन में यह सभी यूनियन अपने वादों पर खरे नहीं उतरे थे। इसलिए इन यूनियनों के साथ मतभेद उभर आया है। 

 

नाराज किसान यूनियन की अलग हुई बैठक

इधर इन सभी सातों यूनियनों ने भी अलग से एक बैठक की है। जगजीत सिंह ढालेवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मीटिंग राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर विचार-विमर्श के लिए नहीं बुलाई गई थी। यह मीटिंग शुक्रवार को अमृतसर के हरमंदर साहिब में निकलने वाली उनकी रैली को लेकर बुलाई गई थी। 

सुलह के फॉर्मूले पर विचार

सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि राजेवाल और ढालेवाल के बीच चल रहे इस मतभेद पर भी 22 किसान संगठनों की मीटिंग में चर्चा की गई। किसान मोर्चा में फूट ना पड़े इसके लिए दोनों के बीच सुलह के रास्ते को लेकर विचार-विमर्श किया गया। अब 32 किसान यूनियनों की एक बैठक 18 दिसंबर को मुल्लानपुर में बुलाई गई है और ऐसी उम्मीद है कि इस बैठक में आपसी मतभेदों पर चर्चा कर उन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। 

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