उत्तराखंड कांग्रेस में चुनाव से ठीक पहले अपने ट्वीट्स से बवाल पैदा करने वाले हरीश रावत ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ट्वीट्स के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने मीडिया से कहा कि वह समय आने पर इस बारे में बोलेंगे। कांग्रेस के चेहरे के तौर पर देखे जा रहे हरीश रावत के बगावती तेवरों ने इलेक्शन से ठीक पहले हाईकमान पर मोर्चा खोलकर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। रावत ने ट्वीट कर कहा था कि बड़ी मुश्किल स्थिति है। जिनके आदेश पर मुझे तैरना है, उनके ही नुमाइंदे मेरे हाथ-पैर बांध रहे हैं। ऐसा लगता है कि अब आराम का समय आ गया है। रावत ने लिखा था कि अब नए साल पर भगवान केदारनाथ ही कोई राह दिखाएंगे।
इस पर गुरुवार सुबह मीडिया ने उनसे सवालों की बौछार की, लेकिन वह कुछ भी बोलने से इनकार करते रहे। रावत ने कहा, 'समय जब आएगा, तब मैं आपसे हर चीज शेयर करूंगा। यदि मैं आपसे बात नहीं करूंगा तो फिर किससे कुछ कहूंगा। मैं आपसे बात करूंगा। फिलहाल मस्त रहिए।' इस बीच हरीश रावत के ट्वीट्स पर कांग्रेस के G-23 के नेताओं ने भी टिप्पणी की है। मनीष तिवारी ने उत्तराखंड कांग्रेस के हालात पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है, 'पहले असम, फिर पंजाब और अब उत्तराखंड। पार्टी को डुबाने में कोई कसर न रह जाए।'
गांधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले हरीश रावत ने सबको चौंकाते हुए बुधवार को ट्वीट किए थे। माना जा रहा है कि टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों को तवज्जो न दिए जाने पर उन्होंने दबाव बनाने की रणनीति से ऐसा किया है। कुछ वक्त पहले तक पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिद्धू के बीच की रार थामने में जुटे रहे हरीश रावत का यह कदम चौंकाने वाला था। ऐसे में जानकारों का कहना है कि यह उनकी बगावत से ज्यादा एक रणनीति है। दरअसल वह टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिलाना चाहते हैं ताकि पार्टी की जीत की स्थिति में उन्हें आसानी से सीएम बनाया जा सके।
इस बीच भाजपा ने भी हरीश रावत की टिप्पणियों को लेकर तंज कसना शुरू कर दिया है। पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा, 'हरीश रावत दर्द में लग रहे हैं। उन्हें आराम करना चाहिए।' तीरथ सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'जब हरीश रावत ने कुछ कहा है तो फिर निश्चित तौर पर कुछ गलत हुआ होगा। यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। पार्टी में झगड़ा चल रहा है।' इससे भाजपा को फायदा मिलने के सवाल पर तीरथ ने कहा, 'इससे चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। निश्चित तौर पर भाजपा को फायदा मिलेगा। वह बड़े नेता हैं और उनका लंबा अनुभव है। मुझे लगता है कि वह जिस तरह से बात कर रहे हैं, उस स्थिति में उन्हें आराम करना चाहिए।'
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