इजरायल की सरकार ने रविवार को गोलन हाइट्स यानी गोलन पहाड़ियों पर यहूदी निवासियों की आबादी दोगुना करने की योजना के तहत 317 मिलियन डॉलर यानी करीब 31.7 करोड़ डॉलर की राशि को मंजूरी दे दी। चालीस साल पहले इजरायल ने भीषण युद्ध के बाद गोलन हाइट्स को सीरिया से छीनकर अपने कब्जे में किया था। आज भी दोनों देशों के बीच इस इलाके को लेकर विवाद है।
इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की कैबिनेट ने अगले पांच सालों के अंदर इस क्षेत्र में 7300 घर बनाने की योजना के पक्ष में मतदान किया। यह फैसला गोलन के मेवो हामा कम्युनिटी में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक के दौरान इस क्षेत्र में करीब 23 हजार नए यहूदियों को बसने के लिए आकर्षित करने के इरादे से आवास, बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं पर करीब 1 अरब इजरायली शेकेल खर्च करने का आह्वान किया गया। इजरायल ने इस इलाके को 1967 में छह दिनों तक चले युद्ध के बाद हासिल किया था।
दक्षिणपंथी नेता बेनेट ने मीटिंग से पहले कहा, 'हमारा लक्ष्य गोलन हाइट्स की आबादी को दोगुना करना है।' बेनेट ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से इजरायली संप्रभुता को मान्यता देने और बाइडेन प्रशासन की ओर से इस फैसले को वापस न लेने के संकेत से गोलन क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिला है।
इजरायल ने सन् 1967 में मध्यपूर्व युद्ध के दौरान गोलन हाइट्स पर कब्जा किया था। इसके बाद से यहां यहूदियों को बसाना, कृषि और टूरिजम को बढ़ावा दिए जाने की कोशिश जारी है। अमेरिका पहला देश है जिसने गोलन को इजरायल के हिस्से के रूप में मान्यता दी, जबकि पूरी दुनिया अभी भी इसे इजरायल अधिकृत क्षेत्र कहती है।
गोलन हाइट्स की चोटी से दक्षिणी सीरिया और सीरिया की राजधानी दमिश्क साफ नजर आते हैं। ये दोनों इलाके यहां से करीब 60 किलोमीटर ही दूर है। गोलन हाइट्स से इसराइल को ये फायदा मिलता है कि वो यहां से सीरिया की गतिविधियों पर बराबर नजर रख सकता है।गोलन में होने वाली बारिश का पानी जॉर्डन की नदी में जाकर मिल जाता है। ये इसराइल की एक तिहाई पानी की जरूरत पूरा करता है। गोलान की जमीन उपजाऊ है, जहां अंगूर और मेवों के बगीचे लगाए जाते हैं. गोलान इसराइल का इकलौता स्की रिजॉर्ट भी है।
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