राजधानी दिल्ली में कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने पर जोर होगा। इसके लिए कोविड संक्रमण की निगरानी, कंटेनमेंट जोन के निर्धारण और होम आइसोलेशन मे रहने वालों पर गहराई से ध्यान दिया जाएगा। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में बुधवार दिन में हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कोविड संक्रमण को लेकर आगे की रणनीति तय की गई।
बैठक में खासतौर पर कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने के बाद से बदली स्थिति और बढ़ते कोविड संक्रमण पर विस्तार से बात की गई। पूरी स्थिति की विस्तृत समीक्षा और विशेषज्ञों की राय के बाद कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड अनुरूप बर्ताव का कड़ाई से पालन कराने का निश्चय किया गया।
मुंह पर मास्क नहीं पहनने और सामाजिक दूरी का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबकि, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मामलों की पहचान, संपर्क में आने वालों की पहचान और उनके उपचार पर जोर देने का फैसला किया गया। इसके साथ ही मामलों की करीब से निगरानी, कंटेनमेंट जोन का निर्धारण, कोविड संक्रमण का शिकार होने वाले और होम आइसोलेशन में रहने वालों की भी करीब से निगरानी की जाएगी। ताकि, कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।
बैठक में कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने के चलते लगाए गए प्रतिबंधों को जारी रखने का फैसला किया गया और जमीनी स्तर पर इनका पालन कड़ाई से सुनिश्चित कराने को भी कहा गया। उप राज्यपाल अनिल बैजल ने स्वास्थ्य विभाग को अपनी तैयारियों को और भी ज्यादा चौकस करने को कहा ताकि किसी भी स्थिति में लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन, मंत्रि कैलाश गहलोत, नीति आयोग के डॉ. वीके पॉल, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, एनसीडीसी के डॉ. एसके सिंह व अन्य अधिकारी शामिल रहे।
कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए राजधानी दिल्ली में अभी येलो अलर्ट जारी रहेगा। हालांकि, दिल्ली में अभी हालात पूरी तरह से काबू में हैं और अस्पताल में बेड खाली पड़े हैं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली आपदा प्रबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अभी दिल्ली में येलो अलर्ट जारी रखने की बात कही।
हालांकि, उन्होंने कहा कि दिल्ली में हालात काबू में हैं और अस्पतालों में बड़ी संख्या में बेड खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि येलो अलर्ट के तहत जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। जबकि, हालात बिगड़ने पर डीडीएमए की आपात बैठक करके सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
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