ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 21 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह आंकड़े 11 दिसंबर के सुबह तक के हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पंजीकरण कृषि से जुड़े कामगारों की है। खेती-किसानी से जुड़े 10.70 करोड़ लोगों को ई-श्रमिक कार्ड मिल चुका है। वहीं दूसरे नंबर पर 2.30 करोड़ श्रमिक घरेलू और घरेलू कामगार से आते हैं। इसके बाद 2.3 करोड़ श्रमिक निमार्ण कार्य वाले हैं।
अगर जातिगत आधार पर देखें तो ई-श्रमिक कार्ड पाने वालों में ओबीसी 45.50 फीसद, सामान्य वर्ग के कामगार 25.74 फीसद, एससी 21.83 फीसद और एसटी 6.92 फीसद हैं। महिलाओं की बात करें तो सबसे ज्यादा 52.78 फीसद महिलाओं ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, पुरुषों का प्रतिशत 47.22 है।
यूपी में रिकॉर्ड रजिस्ट्रेशन के बाद भारी गिरावट
अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद शुरू में रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि देखते-देखते ही 2.50 करोड़ से संख्या 6 करोड़ के पार पहुंच गई। हर दिन 30 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन होने लगे। 30 दिसंबर को तो यह संख्या रिकॉर्ड 58.58 लाख पहुंच गई। इसके बाद तेजी से गिरावट शुरू हुई और 10 जनवरी तक आते-आते यह संख्या करीब 8 लाख ही रह गई। यानी करीब 87 फीसद गिरावट हुई है।
अब यूपी में यह संख्या 7.64 करोड़ के पार पहुंच गई है। अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था। अब यहां ई-श्रमिक कार्ड बनवाने वालों की संख्या 7 करोड़ 64 लाख से अधिक हो गई है। दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल 2.42 करोड़ श्रमिकों के साथ है। बिहार तीसरे नंबर पर और चौथे पर ओडिशा है।
अगर उत्तर प्रदेश के जिलों की बात करें तो सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन प्रयागराज में हुए हैं। यहां 21.34 लाख श्रमिकों के ई-श्रमिक कार्ड हैं। दूसरे नंबर पर जौनपुर है, यहां 19.98 लाख लोग ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं। सीतापुर (19.39) तीसरे, बरेली (18.10) चौथे और लखीमपुर-खीरी (17.53) पांचवें नंबर पर है।
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