राजस्थान की गहलोत सरकार ने सरकारी नौकरी की भर्तियों में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी भर्तियों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों की पात्रता का मूल्यांकन आवेदन की अंतिम तिथि तक जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर होगा। अंतिम तिथि के बाद जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को संबंधित श्रेणी अथवा वर्ग का लाभ नहीं मिलेगा। कार्मिक विभाग के इस परिपत्र को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र एवं राज्य के अधीन पदों की भर्तियों में आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थियों द्वारा संबंधित श्रेणी का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया जाता है, जिसके आधार पर अभ्यर्थी की श्रेणी की पात्रता का मूल्यांकन किया जाता है। आवेदन की अंतिम तिथि तक अभ्यर्थी के पास सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र होना आवश्यक है लेकिन कुछ प्रकरणों में भर्ती एजेंसियों द्वारा अंतिम तिथि के पश्चात अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार के लिए अवसर प्रदान करने पर अभ्यर्थियों द्वारा इसका फायदा उठाकर आवेदन करने की अंतिम तिथि के पश्चात जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाते हैं, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है।
ऐसे में कार्मिक विभाग द्वारा सभी विभागों को यह परिपत्र जारी कर निर्देशित किया जाएगा कि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद जारी हुए प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थियों को संबंधित श्रेणी/वर्ग का लाभ नहीं दिया जाए।
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