पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ अफगानिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच काबुल के दौरे पर जाने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक युसूफ बॉर्डर पर बाड़ लगाने और अफगानिस्तान में मानवीय जरूरतों सहित कई मसलों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ 18 जनवरी को काबुल पहुंच रहे हैं।
डॉन की एक रिपोर्ट बताती है कि 18-19 जनवरी के यात्रा के दौरान युसूफ अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने के तरीकों पर यूनाइटेड नेशंस की जरूरतों और अन्य अंतररष्ट्रीय प्रतिबंधों पर चर्चा करेंगे। बता दें कि मानवीय संकट को टालने के लिए यूनाइटेड नेशंस में अफगानिस्तान के मानवीय संकट पर चर्चा की गई है। 13 जनवरी को यूनाइटेड नेशंस के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी देते हुए कहा था कि लाखों अफगान 'मौत के कगार पर' थे।
अफगानिस्तान के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक कुशल श्रमिकों का लगभग पूर्ण पलायन है, जो इसके स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि वे उन अफगान शरणार्थियों को स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं जो पाकिस्तान में चल रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया है कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच मतभेदों के बीच यूसुफ डूरंड लाइन पर सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर भी चर्चा करने वाले हैं। पाकिस्तान ने 2670 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 90 फीसद बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया है ताकि घुसपैठियों और आतंकियों को रोका जा सके। हालांकि अफगानिस्तान ने सदियों पुराने ब्रिटिश कालीन बॉर्डर का विरोध किया है जो दोनों पक्षों के परिवारों को बांटता है।
हाल के दिनों में ऐसे कई वीडियो देखने को मिले जिसमें कथित तौर पर अफगान तालिबान के सदस्य सीमा पर बाड़ को उखाड़ते हुए दिखे थे। उनका दावा था कि बाड़ वाला हिस्सा अफगानिस्तान का है, पाकिस्तान का नहीं।
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