कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया को दिसंबर तिमाही में एक बार फिर घाटा हुआ है। कंपनी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उसका घाटा बढ़कर 7,230.9 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी को एक साल पहले इसी अवधि में 4,532.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
वोडाफोन-आइडिया ने बताया कि समीक्षाधीन अवधि में परिचालन से आय 10,894.1 करोड़ रुपये से 10.8 प्रतिशत घटकर 9,717.3 करोड़ रुपये रह गई। कंपनी का ग्राहक आधार घटकर 24.72 करोड़ रह गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 26.98 करोड़ था। कंपनी के मुताबिक शुल्क दरों में बढ़ोतरी के बावजूद कंपनी की प्रति उपयोगकर्ता औसत आय (एआरपीयू) लगभग पांच प्रतिशत घटकर 115 रुपये रह गई, जो 2020-21 की समान तिमाही में 121 रुपये थी।
सरकार को बेच रही हिस्सेदारी: कर्ज संकट का सामना कर रही वोडाफोन-आइडिया ने सरकार को चुकाए जाने वाले 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज बकाया को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में 35.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर होगा। अगर यह योजना पूरी हो जाती है, तो सरकार कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में एक बन जाएगी। वहीं, प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी करीब 28.5 प्रतिशत (वोडाफोन समूह) और 17.8 प्रतिशत (आदित्य बिड़ला समूह) रह जाएगी।
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