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बिजनेस

LIC IPO: यदि आप एलआईसी के पॉलिसीधारक हैं तो आईपीओ पाने के ये हैं 5 मंत्र

LIC IPO: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए मसौदा दस्तावेज जमा करा दिए हैं। आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी में से पांच फीसदी हिस्सा या 31.6 करोड़ शेयर बेचेगी। इसमें 10 फीसदी एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा। यदि आप एलआईसी के पॉलिसीधारक हैं और आईपीओ में आवेदन करना चाह रहे हैं तो इन पांच बातों को जरूर जान लें।

 

आवेदक के पास डीमैट अकाउंट हो

आईपीओ में आवेदन के लिए पॉलिसीधारक के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। कोई भी पॉलिसीहोल्डर अपने पति या पत्नी, बेटा या रिश्तेदारों के डीमैट अकाउंट से आवेदन नहीं कर सकेगा। छूट के बाद किसी भी पॉलिसीधारक को दो लाख रुपए से ज्यादा के शेयर नहीं मिलेंगे। पॉलिसीधारक अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को आरक्षित श्रेणी का लाभ नहीं मिलेगा।

 

 

संयुक्त पॉलिसी में एक ही योग्य
यदि किसी ने संयुक्त रूप से पॉलिसी ले रखी है तो दोनों में से कोई एक पॉलिसीधारक ही आरक्षित श्रेणी में आवेदन कर सकेगा। आईपीओ में आवेदन करने वाले का स्थायी खाता नंबर (पैन) पॉलिसी रिकॉर्ड में अपडेट होना चाहिए। यदि डीमैट खाता भी संयुक्त है तो आवेदक पहला या प्राथमिक खाताधारक होना चाहिए। अवयस्क की पॉलिसी की स्थिति में प्रस्तावक आरक्षित श्रेणी में आवेदन के लिए योग्य होगा।

एलआईसी के पास हो रिकॉर्डआईपीओ में आवेदन के लिए पॉलिसी का रिकॉर्ड एलआईसी के पास होना चाहिए। यदि किसी ने मसौदा दस्तावेज जमा करने से पहले पॉलिसी खरीदी है और बॉन्ड पत्र बाद में मिला है तो वह भी आईपीओ के लिए योग्य होगा। 13 फरवरी के बाद खरीदी गई पॉलिसी के धारक आवेदन के लिए योग्य नहीं होंगे। मैच्योरिटी, समर्पण या मृत्यु दावा के कारण पॉलिसी बंद नहीं होनी चाहिए।

 

कर्मचारियों के पास कई विकल्प
एलआईसी ने अपने कर्मचारियों के लिए भी आईपीओ का एक हिस्सा आरक्षित रखा है। यदि किसी के पास एलआईसी की पॉलिसी भी है तो वह कर्मचारी-पॉलिसी आरक्षण और खुदरा निवेशक के तौर पर अलग-अलग आवेदन भी कर सकता है। एलआईसी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे निवेशकों की ओर से किए गए तीनों आवेदन मान्य होंगे।

कोई लॉक-इन अवधि नहीं

 

मसौदा दस्तावेज के मुताबिक, आईपीओ में आवेदन करने वाले पॉलिसीधारकों के लिए कोई भी लॉक-इन पीरियड नहीं होगा। पॉलिसीधारक आईपीओ के शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद अपने इक्विटी शेयरों की बिक्री कर सकेंगे। सामान्यतया आईपीओ में निवेश करने वालों कुछ निवेशकों पर लॉक-इन अवधि की शर्त लागू होती है।

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