अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवादों को सुलझाने की अब तक की सारी कोशिशें नाकाम दिख रही हैं। समिति के सामने दोनों ने अपनी बात रखी है लेकिन एक बार फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री दिल्ली आ रहे हैं, जिससे साफ है कि दोनों पक्ष समझौते को तैयार नहीं है। विवाद के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने पहली बार खुलकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी है। हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में सिद्धू ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह की पोल खोल दी और सीधे तौर पर कैप्टन को निशाने पर रखा। सिद्धू ने यहां तक कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह हर दिन झूठ बोलते हैं।
सिद्धू ने कहा, 'मेरे राजनीतिक करियर का मकसद इसके सिस्टम में बदलाव लाना है। एक सिस्टम जिसे पंजाब को नियंत्रित करने वाले दो ताकतवर परिवार चला रहे हैं। ऐसे परिवार जो सिर्फ अपने हितों को साधने के लिए विधायिका को बदनाम कर रहे हैं, राज्य के हितों को ताक पर रख रहे हैं। उन्होंने सबकुछ नियंत्रित कर लिया है। इन लोगों ने एक-दूसरे को बचाया। मेरी लड़ाई इस सिस्टम के खिलाफ है। प्रशांत किशोर ने मुझसे 60 बार मुलाकात की थी, तब मैंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी। मैंने उन्हें कह दिया था कि मेरा झुकाव पंजाब की तरफ है। मैंने 56 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार किया और पार्टी ने उसमें से 54 सीटें जीतीं। पंजाब में तीन नदियां हैं लेकिन अकाली-बीजेपी की सरकार ने 10 सालों में रेत की नीलामी से सिर्फ 10 करोड़ रुपये ही जमा किए। यह पैसा कहां जा रहा है? मैंने उनसे (कांग्रेस सरकार) से कहा कि आप रेत का दाम तय कीजिए और सरकारी दर पर ही बेचिए। लेकिन इस सिस्टम ने 'न' कह दिया।'
हर दिन झूठ बोलते हैं कैप्टन, पंजाब सिस्टम की रार पर सिद्धू के वार
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कैप्टन सरकार पर वार करते हुए सिद्धू ने कहा, 'उन्होंने मुझे रिन्यूएबल एनर्जी ऐंड पावर मिनिस्टर बनाया, लेकिन मैंने मना कर दिया और उस सिस्टम को खारिज किया जिसने पंजाब के लोगों के कल्याण को लेकर दिए मेरे प्रस्ताव ठुकराए थे। उन्होंने लोगों को भ्रमित किया। अभी तक पंजाब में सस्ती बिजली क्यों नहीं है। उन्हें विधानसभा चुनावों से पहले फिर से सिद्धू की याद आ गई। मुझे मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया और कहा गया कि यह मंत्रालय रख लीजिए। क्या बदल गया? मैंने कभी कोई पद नहीं चाहा।'
'एक विधायक की क्या अहमियत, कोई निजी एजेंडा नहीं'
सिद्धू से जब पूछा गया कि वह खुद भी सिस्टम का हिस्सा हैं...इसपर उन्होंने कहा, 'आपको सिस्टम में काम कौन करने देता है? एक विधायक की क्या अहमियत है? यह सिस्टम बर्बाद है। इसने पंजाब को गिरवी रख दिया। आप अधिकारियों को विधायकों और मंत्रियों के प्रति जवाबदेह नहीं बनाना चाहते। जनता अधिकारियों को नहीं चुनती, जनता तो मंत्री और विधायकों को चुनती है। लोगों की ताकत उनतक वापस भी पहुंचनी चाहिए। मेरी किसी से कोई निजी लड़ाई नहीं है। मेरा कोई निजी एजेंडा नहीं है।'
सोनिया-राहुल के सवाल पर सिद्धू ने साधी चुप्पी
सिद्धू से जब पूछा गया कि इस पूरे मामले को लेकर सोनिया और राहुल गांधी ने अब तक क्या कदम उठाए हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं इसका जवाब नहीं दे सकता। मैं सिर्फ वही कह सकता हूं जो मेरे हाथ में है। मैंने उनसे इनसबपर चर्चा की। मैंने तीन सदस्यीय कमेटी के सामने भी यह सब बताया। मैंने अपने लिए नहीं बल्कि जनता के लिए पार्टी में सबको पूरे मामले से अवगत कराया है। अब उन्होंने दो कांग्रेस विधायकों के बेटों को सरकारी नौकरी दी है।'
'हर दिन झूठ बोलते हैं कैप्टन'
यह सवाल किए जाने पर कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आधिकारिक बयान में यह कहा था कि सिद्धू डिप्टी सीएम और गृह विभाग अपने पास चाहते हैं, इसपर कांग्रेस नेता ने कहा, 'वह हर दिन झूठ बोलते हैं। उन्होंने मेरे आम आदमी पार्टी से मुलाकातों को लेकर भी कुछ कहा। क्या उन्होंने यह साबित किया? वह क्या बकवास कर रहे हैं। मुद्दों पर बात कीजिए। वह बेअदबी, कर्ज माफी और श्वेत पत्र जैसे मुद्दों से पीछे क्यों हट रहे हैं। आपने ड्रग्स के मुद्दे पर क्या किया? अपना रिपोर्ट कार्ड दीजिए।'
हालांकि, सिद्धू ने आखिर में यह भी कहा कि यह कांग्रेस का संकट नहीं बल्कि मतों का भेद है। खुद को पार्टी का ईमानदार सिपाही बताते हुए सिद्धू ने कहा कि कलह को लेकर अब आगे के ऐक्शन हाई कमांड ही लेगा।
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