गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के मामले को सांप्रदायिक ऐंगल देने वाले वीडियो को लेकर ट्विटर और यूपी पुलिस की जंग अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में ट्विटर के खिलाफ भी एफआईआर दायर की है और बीते सप्ताह ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। इस पर माहेश्वरी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिसने उनके खिलाफ किसी एक्शन पर रोक लगा दी थी। अब उच्च न्यायालय के इस फैसले को चुनौती देते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
यही नहीं खुद मनीष माहेश्वरी ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल की है। इसमें माहेश्वरी ने मांग की है कि यूपी सरकार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। गाजियाबाद के लोनी इलाके के एक बुजुर्ग का वीडियो पिछले दिनों ट्विटर पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में बुजुर्ग ने मुस्लिम होने के चलते पिटाई होने, दाढ़ी काटे जाने और जबरदस्ती जय श्री राम के नारे लगवाए जाने का आरोप लगाए थे। हालांकि यूपी पुलिस की जांच में इसका खंडन किया गया था। पुलिस का कहना था कि यह मामला तांत्रिक साधना से जुड़ा हुआ था और उसी के चलते उसकी पिटाई युवकों ने की थी।
यही नहीं उसकी पिटाई करने के आरोपी युवकों में कई मुस्लिम समुदाय से भी ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में दावा गलत पाए जाने के बाद यूपी पुलिस की ओर से वीडियो को सांप्रदायिक रंग देने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इनमें से एक मामले में ट्विटर का नाम भी शामिल किया गया है। बता दें कि नए आईटी नियमों को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच टकराव चल रहा है।
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