गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई भले ही जेल में है, लेकिन उसके गुर्गे कई राज्यों में सक्रिय हैं और वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. पंजाब पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े एक 'जबरन वसूली रैकेट' का पर्दाफाश किया है. पंजाब पुलिस की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने मंगलवार को इस गैंग के दो प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से .32 बोर पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस मिले हैं.
गिरफ्तार किए गये बदमाशों की पहचान चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में रहनेवाले तरलोचन सिंह उर्फ राहुल चीमा और हरियाणा के झज्जर जिले के गांव बुपनिया के हरीश उर्फ हैरी उर्फ बाबा के रूप में हुई है. एआईजी एसएसओसी एसएएस नगर अश्वनी कपूर ने बताया, "उन्हें खुफिया जानकारी मिली थी कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कुछ सदस्य पंजाब और आसपास के राज्यों के व्यापारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों से जबरन वसूली करने के लिए धमकी भरे कॉल कर रहे हैं, और इलाके में टारगेट किलिंग को अंजाम देने की भी योजना बना रहे हैं."
अश्वनी कपूर ने आगे कहा, "तेजी से कार्रवाई करते हुए, एसएसओसी एसएएस नगर की पुलिस टीमों ने सोमवार को दो जिंदा कारतूस के साथ एक पिस्तौल बरामद करने के बाद आरोपी तरलोचन सिंह को गिरफ्तार कर लिया, इसके बाद मंगलवार को एक पिस्तौल के साथ आरोपी हरीश उर्फ हैरी को गिरफ्तार कर लिया गया." अतिरिक्त महानिरीक्षक, अश्वनी कपूर ने कहा, "प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति प्रसिद्धि पाना चाहते थे और उन्होंने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रोफाइल बनाए थे, जहां वे युवाओं को लुभाने और उन्हें काम करने के लिए कट्टरपंथी बनाने के लिए हथियार और गोला-बारूद का प्रदर्शन करते थे." उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्ति निर्दोष युवाओं को बदले में अच्छी रकम देने का वादा करके हाई-प्रोफाइल जीवन शैली की पेशकश करते थे.
उन्होंने कहा कि एसएसओसी ने दोनों आरोपी व्यक्तियों को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद उनकी तीन दिन की पुलिस रिमांड हासिल कर ली है और मॉड्यूल के अन्य सदस्यों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए आगे की जांच जारी है. 11 सितंबर को पुलिस स्टेशन एसएसओसी मोहाली में आर्म्स एक्ट की धारा 25, 25(6) और 25(7) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384 और 120बी के तहत मामला एफआईआर नंबर 16 दर्ज किया गया है.
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