logo

  • 25
    02:52 pm
  • 02:52 pm
logo Media 24X7 News
news-details
महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करेगी सीबीआई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया आदेश

भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से बॉम्बे हाई कोर्ट से करारा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ सीबीआई को प्राथमिक जांच करने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की तत्काल प्राथमिक जांच शुरू करने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट की ओर से जांच एजेंसी को इस पूरी प्रक्रिया के लिए 15 दिनों का वक्त दिया गया है। अधिवक्ता जयश्री पाटिल की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि अनिल देशमुख राज्य के होम मिनिस्टर हैं। ऐसे में महाराष्ट्र पुलिस की ओर से उनके खिलाफ निष्पक्ष जांच होने की संभावना कम ही है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई की शुरुआती जांच के निष्कर्षों के आधार पर अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने या न करने का फैसला लिया जाएगा। बता दें पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक खत लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। सचिन वाझे को फिलहाल एनआईए ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार और उसके मालिक कहे जा रहे मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रदेश के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इससे पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। यही नहीं उन्होंने जांच जारी रहने तक होम मिनिस्टर अनिल देशमुख से पद से इस्तीफा देने को भी कहा है।

 

परमबीर सिंह की अर्जी कोर्ट ने कर दी थी खारिज, कहा था- एफआईआर क्यों नहीं कराई

इससे पहले परमबीर सिंह ने भी सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी मांग खारिज कर दी थी कि आखिर अनिल देशमुख के खिलाफ उन्होंने एफआईआर क्यों नहीं कराई। अदालत ने परमबीर सिंह को फटकार लगाते हुए कहा था कि आखिर बिना किसी एफआईआर के कैसे सीबीआई को मामले की जांच सौंपी जा सकती है।

अदालत ने परमबीर को लगाई थी फटकार, कानून से ऊपर नहीं हैं आप

अदालत ने कहा था कि यह कानून की प्रक्रिया है और आप इससे ऊपर नहीं हो सकते हैं। इससे पहले कोर्ट ने जयश्री पाटिल की याचिका पर भी खारिज कर दी थी और कहा था कि यह चर्चा पाने के लिए दायर अर्जी लगती है। हालांकि अब अदालत ने उनकी ही अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।

You can share this post!

Comments

Leave Comments