विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि चेक गणराज्य की जेल में बंद निखिल गुप्ता मामले में भारत को कम से कम तीन बार राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई. अमेरिका ने गुप्ता पर अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. इस मामले से जुड़े एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत गुप्ता को आवश्यक राजनयिक सहायता उपलब्ध करा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘एक भारतीय नागरिक फिलहाल चेक अधिकारियों की हिरासत में है और अमेरिका को उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध लंबित है. हमें (गुप्ता मामले में) तीन बार राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई.''
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गुप्ता (52) अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश में शामिल था. भारत ने आरोपों की जांच के लिए पहले ही एक जांच समिति गठित की है.
गुप्ता के परिवार ने पिछले हफ्ते उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और प्रत्यर्पण कार्यवाही में हस्तक्षेप करने तथा मामले में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था.
बागची ने कहा, ‘‘उसके (गुप्ता) परिवार ने भारत के उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में प्रक्रिया चल रही है. मुझे नहीं लगता कि अधिकार क्षेत्र जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करना हमारे लिए उचित होगा. उच्चतम न्यायालय क्या कहता है, हम इसका इंतजार करेंगे.''
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने आरोपों को गंभीरता से लिया है.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी पक्ष द्वारा ‘सूचनाएं' प्रदान की गई हैं और मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है.
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