बायजू (Byjus)का संकट और गहरा गया है. मामले से परिचित लोगों के अनुसार, एडटेक टाइटन बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए अपने घर के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाले घर को भी गिरवी रख दिया है. बायजू कंपनी इस समय नकदी संकट से जूझ रही है. इस संकट से उबरने के लिए बायजू रवींद्रन ने अपना घर तक गिरवी रख दिया है.
बायजू रवींद्रन संस्थापक कंपनी को चालू रखने और उसके वित्तीय दबावों को कम करने के लिए अपनी लड़ाई में हर संभव प्रयास कर रहे हैं. एक समय भारत का सबसे मूल्यवान तकनीकी स्टार्टअप रही यह कंपनी अपने यूएस-आधारित बच्चों के डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म को लगभग 400 मिलियन डॉलर में बेचने की प्रक्रिया में है. यह 1.2 अरब डॉलर के सावधि ऋण पर ब्याज भुगतान में चूक को लेकर लेनदारों के साथ कानूनी लड़ाई में भी फंसा हुआ है.
लोगों के मुताबिक, एक समय लगभग 5 अरब डॉलर के मालिक रवींद्रन ने मूल कंपनी में अपने सभी शेयर गिरवी रखकर लगभग 400 मिलियन डॉलर का कर्ज उठाया है. उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में शेयर बिक्री के माध्यम से जुटाए गए $800 मिलियन को भी कंपनी में वापस कर दिया, जिससे उनके पास नकदी की कमी हो गई.
एक अन्य सूत्र ने कहा कि बायजू ने 20 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) बुलाई है. उसमें प्रवर्तकों द्वारा गिरवी रखी गई संपत्तियों को कंपनी के बोर्ड के ध्यान में लाया जाएगा. इस बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के वित्तीय नतीजों को भी शेयरधारकों के समक्ष रखा जाएगा. एक सूत्र ने कहा कि कंपनी 160 करोड़ रुपये के प्रायोजन बकाया के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पुनर्भुगतान कार्यक्रम पेश करने की प्रक्रिया में है. एपिक की बिक्री उन्नत चरण में पहुंच चुकी है. इसके अलावा मौजूदा निवेशकों से भी नए फंड डालने की उम्मीद की जाती है.
हालांकि इस संबंध में टिप्पणी के लिए बायजू को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला. पिछले महीने मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई ने बायजू द्वारा डेविडसन केम्पनर से जुटाए गए 1,400 करोड़ रुपये के कर्ज का अधिग्रहण किया था. पई के स्वामित्व वाला फंड आरिन कैपिटल बायजू में 2013 में पहला संस्थागत निवेशक था.
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