मध्यप्रदेश के दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक जगदीश देवड़ा भाजपा के सात बार के विधायक हैं, जिन्होंने अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश किया था और उन्होंने राज्य की भाजपा सरकारों की मंत्रिपरिषद में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी संभाली. भाजपा विधायक दल के नेता और उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने यहां लाल परेड ग्राउंड में एक भव्य समारोह में बुधवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. देवड़ा और एक अन्य उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
जगदीश देवड़ा (66) 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ (एससी) सीट से चुने गए थे. दलित नेता देवड़ा, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पिछली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में वित्त विभाग संभाल रहे थे.
उन्होंने अपनी राजनीतिक शुरुआत तब की जब उन्होंने 1979 में नीमच जिले के रामपुरा में सरकारी कॉलेज के छात्रसंघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीता.
भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) और बाद में भाजपा में विभिन्न पदों पर रहने के बाद, कानून की पढाई कर चुके देवड़ा पहली बार 1990 में राज्य विधानसभा में पहुंचे, जब वह मंदसौर जिले के सुवासरा से निर्वाचित घोषित किये गए.
देवड़ा 1993 और 2003 के चुनावों में फिर से इस सीट से जीते. 2003 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 10 साल के शासन को समाप्त करते हुए भाजपा के सत्ता में आने के बाद, देवड़ा को उमा भारती के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया था. उनके पास सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, स्कूली शिक्षा और गृह सहित विभिन्न विभाग थे.
भाजपा प्रदेश में हुये 2008 के चुनाव में जब दोबारा जीत हासिल की, तो उन्होंने परिसीमन के बाद नवगठित सीट मल्हारगढ़ (एससी) से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में शामिल हुए.
देवड़ा ने 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में भी मल्हारगढ़ सी पर काबिज रहे . पिछले महीने की विधानसभा में उन्हें एक बार फिर आरक्षित सीट से मैदान में उतारा गया और वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, निर्दलीय उम्मीदवार श्यामलाल जोकचंद को 59,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था .
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