उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल होने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल होने के मामले में एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, अरफा खानम शेरवानी, ट्विटर इंडिया के आसिफ खान और ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत दिल्ली में दर्ज की गई है। अधिवक्ता अमित आचार्य ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल, फ्रेश शिकायत के आधार पर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। हालांकि, इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले गाजियाबाद के लोनी से भाजपा के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और स्वरा भास्कर के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की। बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो वायरल होने के मामले में उन्होंने लोनी बार्डर थाने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। विधायक ने तीनों पर इस भ्रामक पोस्ट को शेयर करने का आरोप लगाया है।
विधायक ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र लोनी में एक बुजुर्ग की दाढ़ी काटने और मारपीट करने का वीडियो साजिशन वायरल किया गया। यह घटना 5 जून 2021 की है। इस मामले में पुलिस ने जांच की और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी कर लिया था। इसके बाद इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपने अधिकारिक टि्वटर अकाउंट से ट्वीट कर भ्रम फैलाने की कोशिश की। इस ट्वीट में घटना को भगवान श्रीराम से जोड़ते हुए उनके भक्तों को दोषी ठहराया गया। जबकि घटना में मुस्लिम युवक भी शामिल थे।
वहीं, बुधवार को गाजियाबाद पुलिस ने बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने पर बड़ा एक्शन लेते हुए नौ लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें दो कांग्रेस नेता और ट्विटर इंडिया भी शामिल हैं। इनपर लोनी में हुई घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह कार्रवाई की गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई।
एफआईआर में गाजियाबाद पुलिस ने कहा है, 'लोनी में हुई घटना का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है जिसमें एक आदमी की पिटाई की गई और दाढ़ी काटी गई। निम्नलिखित संस्थाएं- द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कूर उस्मानी, स्लैमन निजामी ने इस तथ्य की जांच किए बिना अचानक ट्विटर पर घटना को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया और शांति भंग करने के लिए संदेश फैलाना शुरू किया। साथ ही धार्मिक समुदायों के बीच मतभेद पैदा किए। ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया।'
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